- 39 माह का एरिया का भुगतान जल्द करने और पर्क्स एरियर का भुगतान अप्रैल 2020 से करने की मांग।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा (Trade Union United Front) के चारों घटक बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक कार्यलय में जुटे। एनजेसीएस बैठक से पहले चारों यूनियन के नेताओं ने आगे की रणनीति तय की है। इंटक के महासचिव बीरेंद्र नाथ चौबे की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि 12 जनवरी 2024 को सेल प्रबंधन (SAIL Management) के तानाशाही के खिलाफ सेल बोकारो इस्पात संयंत्र को 29- 30 जनवरी 2024 के लिए हड़ताल की नोटिस दिए जाएगा।
40500 से ज्यादा बोनस का भुगतान करने की मांग की जा रही है। 39 माह का एरिया का भुगतान जल्द करो,पर्क्स एरियर का भुगतान अप्रैल 2020 से करना होगा, नाइट शिफ्ट एलाउंस मकान भाड़ा भत्ता यदि में बढ़ोतरी अभिलंब करने,ठेका मजदूरों का वेज रिवीजन के साथ-साथ जॉब सिक्योरिटी एवं अन्य सुविधा मुहैया कराने की मांग की जा रही है।
यूनियन की बैठक में तय किया गया है कि आरआईएनएल के मजदूरों का भी वेज रिवीजन (Wage Revision) का भुगतान एवं पे-स्केल लागू किया जाए। ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त किया जाए। वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किए गए मजदूरों को अभिलंब वापस लाया जाए। हाउस पर्क्विजिट पर 50% इनकम टैक्स रिबेट मजदूरों को भी देने की वकालत की जा रही है।
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यूनियन नेताओं ने कहा-जब तक हमारी मांगों पर विचार कर पूरा नहीं किया जाता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। सेल प्रबंधन बिल्कुल ही संवेदनहीन हो चुका है। सेल के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि इस्पात मजदूरों के वेज रिवीजन पर मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग बने हुए 2 साल गुजर गए। परंतु अभी तक एग्रीमेंट नहीं हो सका, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही साथ नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ दूसरे अलाउंस पर फैसला अभी तक नहीं हो सका है।
यूनियन नेताओं ने कहा-प्रबंधन एक तरफा फैसला कर ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगाती है। पूरी तरह तानाशाही हुकूमत चलाना चाहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उत्पादन तथा उत्पादकता में बराबर के हकदार ठेका मजदूर जिनका वेज रिवीजन, गेट पास की सुरक्षा अन्य सुविधाओं पर फैसला नहीं करना चाहती, ठेकेदार को लूट की छूट दे रखी है।
दूसरे तरफ अपने अधिकारियों को देने के लिए पीआर के नाम पर खुली छूट दे रखी है। लाखों रुपया खर्च करने में किसी तरह का बोझ नहीं आता है। जबकि मजदूरों को देने के समय घाटा का रोना रोया जाता है। नेताओं ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते बोनस और वेज रिवीजन के बकाया एरियर पर फैसला किया जाए।
बैठक में मुख्य रूप से इंटक के बीरेंद्र नाथ चौबे, बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, अबु नसर, सीटू के एन. सिंह, आरके गोराई,क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ HMS के राजेंद्र सिंह, अरुण कुमार शामिल हुए।
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