राउरकेला स्टील प्लांट का प्रोडक्शन रोके बिना 7 दशक पुराना सब-स्टेशन हो रहा अपग्रेड
1950 के दशक के अंत में स्थापित किया गया सीपीपी-1 के 33 केवी सब-स्टेशन में 50 पैनल, सिंक्रोनाइज्ड जेनरेटर और डबल बस पावर व्यवस्था पर 3 खंडों में वितरित कई फीडर शामिल हैं।
सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के कैप्टिव पावर प्लांट-1 (सीपीपी-1) में उच्च विश्वसनीयता और सुनम्यता प्रदान करने के लिए एयर इंसुलेटेड सिस्टम (एआईएस)) सब-स्टेशन को तकनीकी रूप से उन्नत गैस इंसुलेटेड सिस्टम (जीआईएस) सब-स्टेशन में परिवर्तित किया जा रहा है। एक प्रमुख परियोजना का काम जोरों पर चल रहा है। अगस्त, 2021 में शुरू हुआ महत्वपूर्ण तकनीकी उन्नयन सीपीपी-1 को इसकी परिचालन दक्षता को अनुकूलित करने में मदद करेगा।
उल्लेखनीय है कि, 1950 के दशक के अंत में स्थापित किया गया सीपीपी-1 के 33 केवी सब-स्टेशन में 50 पैनल, सिंक्रोनाइज्ड जेनरेटर और डबल बस पावर व्यवस्था पर 3 खंडों में वितरित कई फीडर शामिल हैं। पुरानी तकनीकी अप्रयुक्ता को देखते हुए और आरएसपी में आस्वश्यक और महत्वपूर्ण श्रेणी-1 बिजली प्रणाली की विश्वसनीयता और स्थिरता को बेहतरीन बनाने के लिए, 33 केवी प्रणाली को सात दशक पुराने सब-स्टेशन के स्थान पर एक नवीनतम सुरक्षा और नियंत्रण प्रणाली के साथ पुनर्निर्मित और उन्नत नियंत्रण कक्ष के साथ बदलकर अपग्रेड किया जा रहा है। परियोजना ब्राउन फील्ड परियोजना होने के कारण परियोजना का निष्पादन आरएसपी की विभिन्न इकाइयों के उत्पादन को प्रभावित किए बिना किया जा रहा है।
गौरतलब है कि, महत्वपूर्ण अधिष्ठापन में 22.5 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही तकनीकी अद्यतन परियोजना, सीपीपी-1 की विद्युत टीम की पहल और मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत), बी. सुनील कार्था के मार्गदर्शन में कई चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। परियोजना का क्रियान्वयन विद्युत वितरण विभाग एवं संयंत्र के अन्य विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। अनुबंध, मेसर्स श्नाइडर द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। अब तक 35 फीडर तैयार किए जा चुके हैं और 25 मेगावाट के सभी 3 चालू जनरेटरों को नए जीआईएस सिस्टम के साथ सिंक्रोनाइज कर दिया गया है। पिछला जनरेटर 3 सितंबर 2022 को सिंक्रोनाइज़ किया गया था। पूरे परियोजना के दिसंबर 2022 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है।