बोकारो स्टील प्लांट ने किए पत्थरबाज कब्जेदारों के 50 मकान ध्वस्त, नेताजी की नहीं गली दाल…

  • 50 से ज्यादा छोटे-बड़े मकान, दुकान और झोपड़ी को ध्वस्त कर दिया गया है।
  • बोकारो के अतिक्रमण तोड़ू दस्ता पर पथराव करने का खामियाजा यहां रहने वालों को भुगतना पड़ा।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल (SAIL) बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) की जमीन से कब्जेदारों को खदेड़ने का अभियान दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। साल 2011 में संपदा न्यायालय (Estate Court) से जमीन को खाली कराने का आदेश जारी हुआ, जिस पर अब अमल हुआ है। 50 से ज्यादा छोटे-बड़े मकान, दुकान और झोपड़ी को ध्वस्त कर दिया गया है।

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बोकारो (Bokaro) के अतिक्रमण तोड़ू दस्ता पर पथराव करने का खामियाजा यहां रहने वालों को भुगतना पड़ा। शुक्रवार सुबह इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट की टीम जब पहुंची तो विरोध करने की कोशिश की गई। जवानों की संख्या अधिक होने की वजह से किसी की दाल नहीं गली।

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अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत दूसरे दिन मजदूर मैदान व बीजीएच गोलंबर के बीच अवैध तरीके से निर्मित  लगभग 45- 50 छोटे -बड़े मकान व दुकान तोड़ कर हटाए गए। मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की उपस्थिति में  कार्यवाई शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई।

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रास्ते से 20 मीटर के दायरे में जो भी अवैध निर्माण आए, उन्हें तोड़ दिया गया। दुर्गा जी का मंदिर छोड़कर सब ध्वस्त हो गया है।
बताया जा रहा है कि साल 2011 का ऑर्डर था। संपदा न्यायालय (Estate Court) से आदेश जारी किया गया था, लेकिन खाली नहीं कराया जा सका था। राजनीतिक दबाव के चलते मामला रुका हुआ था। 

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नगर सेवाएं विभाग (Municipal Services Department) के कार्मिकों का कहना है कि भाजपा के एक नेता की दखल से मामला अटक रहा था। इस बार भी कार्रवाई को रोकने के लिए पूरी कोशिश की गई थी। दिनभर कवायद के बाद रात में तय हो गया था कि कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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ईडी पीएंडए (ED P&A) से लेकर सेल कारपोरेट आफिस (SAIL Corporate Office) तक बात हुई। रात 11.30 बजे तय हुआ कि बेदखली का अभियान चलेगा। इस बात को गोपनीय रखा गया और सुबह से ही घेराबंदी करके करीब आधा दर्जन अवैध निर्माण को ही पहले दिन तोड़ा गया था। दूसरे दिन शेष निर्माण को ध्वस्त किया गया।

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