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इस्पात श्रमिक मंच ने मई दिवस को छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी तिहार के साथ मनाया

इस्पात श्रमिक मंच ने मई दिवस को छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी तिहार के साथ मनाया

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इस्पात श्रमिक मंच यूनियन का मानना है कि हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश किसानों,आदिवासियों, मजदूरों एवं मेहनतकश लोगों का प्रदेश है। इसलिए 1 मई की तारीख हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे खेत,जल-जंगल, जमीन,खदान एवं हमारे कारखाने छत्तीसगढ़ की ताकत है। इन सभी में मेहनतकश लोग कार्य करते हैं। जिससे हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण होता है।

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इस्पात श्रमिक मंच यूनियन के सभी पदाधिकारियों ने यह संदेश दिया कि मई दिवस हर मेहनतकश लोगों का दिन है। इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना तहेदिल से आभार व्यक्त करने के लिए इस्पात श्रमिक मंच यूनियन भी मजदूर दिवस को अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति के अनुरूप मनाया।

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छत्तीसगढ़ के संस्कृति में बोरे-बासी का बड़ा महत्व है। आम मेहनतकश के साथ-साथ सभी छत्तीसगढ़िया लोगों का भी यह बड़ा आहार है। बासी अपने पौष्टिक गुणों के कारण हमारी छत्तीसगढ़िया लोक संस्कृति में इस तरह रच-बस गया है कि इसे छत्तीसगढ़ी संस्कृति से अलग नहीं किया जा सकता।

गर्मी के दिनों में बोरे-बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। यह रामबाण बोरे-बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए मई दिवस को इस्पात श्रमिक मंच यूनियन इस छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी तिहार को अपने सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उत्सव के रूप में मनाया।

मंच यूनियन सभी छत्तीसगढ़िया निवासियों से अनुरोध किया था कि 1 मई को मई दिवस के मौके पर जमकर बोरे- बासी खाएं और अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति के साथ मई दिवस मनाए। इस मौके पर इस्पात श्रमिक मंच यूनियन के संरक्षक सर्वजीत सिंह, महासचिव राजेश अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष शेख महमूद, उप- महासचिव किशोर मराठे, तामेश्वर ठाकुर, राजेंद्र ढाकरवाल, गणेश राव, विनोद कुमार दुबे, सारवा, पूरन साहू एवं अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।