- मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रविन्द्र सिंह तोमर भिसोड़ा ने BJP प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह तोमर पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया गया हैं।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ठीक पांच साल पहले चुनावी गहमागहमी को याद करिए। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित प्रदेश कांग्रेस का मुख्यालय राजीव भवन, जहां तब की विपक्षीय दल कांग्रेस ने गंगाजल लेकर कसम खाया। बड़े वायदे किए। ठीक पांच साल बाद छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ।
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मध्यप्रदेश में सत्ता में फिर से आने भाजपा, तो छत्तीसगढ़ में फिर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस कशमकश कर रही है। इसी बीच मध्यप्रदेश के एक विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी ने गंगाजल लेकर कसम खाई है और केन्द्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अधिकृत उम्मीदवार रविन्द्र सिंह तोमर भिसोड़ा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी और सेंट्रल मिनिस्टर नरेन्द्र सिंह तोमर के ऊपर फर्जी ढंग से वोटिंग का आरोप लगाया गया हैं।
भिड़ोसा ने खाई कसम
इस मामले में कांग्रेस के प्रत्याशी रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ोसा ने गंगाजल से भरा हुआ लोटा उठा कर कहा कि ‘हम गंगाजल की सौगंध खाते हैं कि यदि सेंट्रल मिनिस्टर से एक रुपए भी लिए हो तो!, हमने हमारी सम्पूर्ण ताकत से इलेक्शन लड़ा हैं। यह तो रिजल्ट बताएगा।
कांग्रेस के उम्मीदवार रविन्द्र सिंह तोमर भिसोड़ा ने कहा कि सेंट्रल मिनिस्टर और दिमनी से भाजपा के प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह तोमर ने दो सौ 62 में से सौ पोलिंग बूथों को अपने कब्जे में लेकर फर्जी ढंग से वोटिंग करवाया है।
भिसोड़ा ने कहा कि BJP ने आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों का सहारा लेकर कमजोर और अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर्स को वोटिंग के अधिकार से रोका हैं।
कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि कटेलापुरा में अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं को घर से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया। पूरा प्रशासन मुख दर्शक बनकर सब कुछ देखता रहा।
केंद्रीय मंत्री तोमर को दी चुनौती
रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ोसा ने कहा कि दिमनी क्षेत्र के नौ मोस्टवांटेड क्रिमिनल्स को क्षेत्र से बाहर करने की शिकायत की थी। मगर पुलिस अधीक्षक (SP) और कलेक्टर ने इस पर भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इन क्रिमिनल्स ने इलेक्शन प्रक्रिया को काफी बुरी तरह से प्रभावित किया हैं।
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निर्वाचन विभाग से 97 पोलिंग बूथों की सिक्योरिटी सिस्टम में इजाफा करने की मांग की थी पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अगर सेंट्रल मिनिस्टर नरेन्द्र सिंह तोमर में दम है तो चले तोमर वंश की कुलदेवी चिल्लासन माई के मंदिर और वहाँ गंगाजल लेकर कह दें कि रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ोसा से कब मिले है और कब केन्द्रीय मंत्री ने मुझे खरीद लिया हैं। रविन्द्र सिंह तोमर कोई बिकाऊ नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने खाई थी कसम
छत्तीसगढ़ में इससे पहले गंगाजल की एंट्री हो चुकी हैं। असल में वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में तब उथल-पुथल मच गया था जब कांग्रेस ने गंगाजल की सौगंध खाई थी। तब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पत्रकारों के सामने सत्ता में आने पर अपने घोषणा पत्र को लागू करने गंगाजल का सहारा लिया था।
इससे पहले पीएम मोदी वाराणसी में मां गंगा के नाम को ले चुके हैं। चुनाव लड़ने पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था-मैं आया नहीं, मां गंगा ने बुलाया है।