- सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सार्वभौमिक पेंशन होनी चाहिए। ऐसी योजना के लंबित रहने तक न्यूनतम पेंशन को राज्यों की वृद्धावस्था पेंशन के बराबर संशोधित करने की आवश्यकता है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। Ramakrisha Pillai ने कौशल उप्पल की वाल से एक पोस्ट को शेयर किया। इसमें लिखा है कि यदि ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन वेलफेयर पेंशन है…। और यदि यह वृद्धावस्था पेंशन है, तो यह कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक इस देश के सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध होनी चाहिए।
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स्वनिर्मित पेंशन जैसे ईपीएस (EPS), अटल पेंशन योजना, श्रम पेंशन योजना, एलआईसी वार्षिकी आदि ऐसी कल्याणकारी पेंशन से अलग होनी चाहिए। राज्यों में ऐसी कल्याणकारी पेंशन योजनाओं का एक हिस्सा केंद्र सरकार वहन कर रही है। लेकिन सभी राज्यों में एकरूपता नहीं है।
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जबकि केरल बहुत उदारतापूर्वक (1600 रुपए प्रति माह) ऐसी पेंशन प्रदान कर रहा है। पेंशनर्स ने तंज कसते हुए लिखा-महाराष्ट्र आदि बहुत कंजूस हैं। चूंकि मैं महाराष्ट्र में रह रहा हूं और हमें पारिवारिक आय के आधार पर सफेद राशन कार्ड जारी किया गया था।
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इसलिए मैं महाराष्ट्र में वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र नहीं हूं। मुझे नहीं लगता कि मैंने कूड़ा बीनने वाले, या होटल के लड़के, या सफ़ाई करने वाले या किसान से बढ़कर देश के लिए कुछ खास किया है।
सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सार्वभौमिक पेंशन होनी चाहिए। ऐसी योजना के लंबित रहने तक न्यूनतम पेंशन को राज्यों की वृद्धावस्था पेंशन के बराबर संशोधित करने की आवश्यकता है।
अंत में पेंशन ने मन की बात लिखते हुए कहा-यही मेरा विचार है। आप अपने विचार रख सकते हैं और इससे खुश रह सकते हैं। कहने के लिए कुछ नहीं बचा,इस चर्चा का यहीं अंत होता है।