सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की 11 में से 10 सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) बढ़त पर है। सिर्फ एकमात्र कोरबा सीट से कांग्रेस (AICC) की उम्मीदवार बढ़त पर है। लेकिन यह बढ़त एकदम मामूली है। यहां एकदम कांटे की टक्कर चल रही है। कांग्रेस-BJP दोनों ही प्रत्याशी महिलाएं है।
कांग्रेस की ओर से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को उम्मीदवार बनाया गया था। ज्योत्सना महंत के पति डॉ.चरणदास महंत फिलहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष है। कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (CG PCC) के चीफ रह चुके है। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केन्द्रीय राज्यमंत्री का बड़ा दायित्व भी संभाल चुके है। कुलमिलाकर कांग्रेस प्रत्याशी के पति का लंबा-चौड़ा प्रोफाइल है। डॉ.महंत के कारण लोग ज्योत्सना महंत को भाभी कहकर संबोधित करते है।
दूसरी ओर सरोज पाण्डेय BJP की बड़ी नेत्री है। सरोज पाण्डेय साल 2018 से 2024 तक छत्तीसगढ़ के कोटे से राज्यसभा सांसद रही है। साल 2009 से 2014 तक दुर्ग की सांसद रही है। इतना ही नहीं साल 1999 से लेकर लगातार तीन बार दुर्ग में महापौर का चुनाव जीता। परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आए दुर्ग जिले की वैशालीनगर विधानसभा से पहली बार विधायक (MLA) निर्वाचित हुई थी। एक साथ महापौर, विधायक और सांसद जैसे तीन-तीन संवैधानिक पद पर रहने की वजह से सरोज पाण्डेय का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा सरोज पाण्डेय फिलहाल BJP की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। संगठन की राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय महामंत्री, महिला मोर्चे की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई राज्यों की सांगठनिक प्रभारी, चुनावी प्रभारी जैसे बड़े ओहदों पर रह चुकी है। सरोज पाण्डेय को दुर्ग-भिलाई के लोग और पार्टी के कार्यकर्ता ‘दीदी’ संबोधित करते है।
ऐसे में कोरबा सीट पर दीदी और भाभी के बीच टक्कर जारी है। दुर्ग जिले की रहने वाली सरोज पाण्डेय पर बाहरी होने का आरोप लगते रहा। जबकि ज्योत्सना महंत पर निष्क्रिय सांसद होने का लोग लगातार आरोप लगाते रहे। फिलहाल निर्वाचन आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरबा ही सिर्फ ऐसी एकमात्र सीट है जहां कांग्रेस बढ़त पर है। लेकिन यहां बढ़त का मार्जिन काफी कम है। पल-पल बढ़ और घट रहा है।
बहरहाल, सबकी दिलचस्पी इस बात पर है कि यहां से कौन जीतेगा। दीदी बाजी मारेगी या भाभी रिपीट करेगी। निष्क्रिय पर बाहरी का टैग हावी होगा या फिर कुछ और समीकरण बनेगा… तमाम बातें तो शाम तक काउंटिंग की पूरी स्थिति साफ होने के बाद ही क्लियर हो पाएगी।