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EPS 95 Pension 7500 रुपए कराने मोदी नहीं, अब नायडू और नीतीश का सहारा

EPS 95 Pension 7500 रुपए कराने मोदी नहीं, अब नायडू और नीतीश का सहारा
  • सोशल मीडिया पर पेंशनभोगियों ने अपने मन की बात साझा की। एनडीए गठबंधन से संपर्क करने की आई बात।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) का टेंशन इतना बढ़ा हुआ है कि सरकार पर खीज निकाली जा रही है। लगातार तीसरी बार मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। लेकिन, पेंशनर्स को इस बात की नाराजगी है कि 1000 रुपए पेंशन को 7500 रुपए नहीं किया गया है। चुनाव में भाजपा की सीटें घटना का श्रेय भी पेंशनभोगियों ने ले लिया है। खुलकर सोशल मीडिया पर अपने मन की बात कर रहे हैं। आइए, पढ़ते हैं, देशभर के पेंशनर्स किस तरह की बातें कर रहे हैं।

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पेंशनभोगी अनिल कुमार नामदेव ने लिखा-EPS 95 पेंशन (EPS 95 Pension), मानों या न मानों। कुछ तो उम्रदराज की हाय भी रही होगी… वरना यह हाल नहीं होता। इस पर जवाब देते हुए प्रकाश तिवारी ने लिखा-इस रिजल्ट से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ईपीएस 95 वालों ने नोट या वोट नहीं दिया। यह साबित होता है, क्योंकि हम कम नहीं, 65 लाख हैं।

वरिष्ठ नागरिकों के साथ बुरा और निर्दयी व्यवहार का आरोप

एडमिन गौतम चक्रवर्ती का बयान आया कि मोदी अब अपने सहयोगियों, विशेषकर नायडू और नीतीश के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। यह समय अपना काम करवाने के लिए जेडीयू और टीडीपी से संपर्क करने का है। निश्चिंत रहें, मोदी सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी…।

इसी बीच एडमिन मोनीश गुहा का कमेंट आया कि गौतम चक्रवर्ती, अब वह एक कठपुतली है…। लेकिन जब वह एक शासक थे, तो उसने हम वरिष्ठ नागरिकों के साथ बुरा और निर्दयी व्यवहार किया…। वह भारत को बनाने के लिए तैयार हैं। तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था…। लेकिन, 80 लाख संघर्षरत पेंशनभोगियों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है…।

कमज़ोर सरकार और गठबंधन सहयोगियों से संपर्क करें

एडमिन गौतम चक्रवर्ती ने मोनीश गुहा को संबोधित करते हुए लिखा-मुझे संदेह है। मोदी सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी। सहयोगी दलों ने पहले ही कठिन सौदेबाजी शुरू कर दी है। यह सही समय है कि हम कमज़ोर सरकार और गठबंधन सहयोगियों से संपर्क करें, ताकि अपना काम पूरा कर सकें।

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