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ऐसे करें भ्रष्टाचार की गोपनीय शिकायत, गुप्त रहेगा आपका नाम, जल्दी-जल्दी करें फॉलो

ऐसे करें भ्रष्टाचार की गोपनीय शिकायत, गुप्त रहेगा आपका नाम, जल्दी-जल्दी करें फॉलो
  • व्यक्ति केन्द्र सरकार एवं उसके अधीन लोक उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, केंद्रीय अधिनियम द्वारा स्थापित नियम, केन्द्र सरकार की कंपनियां और स्वशासित निकायों के कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत कर सकता है।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ‘पब्लिक इंटरेस्ट डिस्क्लोजर एंड प्रोटक्शन ऑफ इनफॉर्मर्स (Public Interest Disclosure and Protection of Informers)’ यानी पीडपी या PIDPI…, जिसके अंतर्गत भ्रष्टाचार संबंधित शिकायतें की जाती है। भारत सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के संकल्प का एक सफल प्रयास है।

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इसने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) यानी CVC को जनता से भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत प्राप्त करने और शिकायकर्ता की पहचान गोपनीय रखते हुए कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया हैं। ताकि शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार के जोखिम या परेशानी से बचाया जा सकता है।

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इसके तहत कोई भी व्यक्ति केन्द्र सरकार एवं उसके अधीन लोक उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, केंद्रीय अधिनियम द्वारा स्थापित नियम, केन्द्र सरकार की कंपनियां और स्वशासित निकायों के कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत कर सकता है।

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शिकायत पूर्णत: बंद लिफाफे में केन्द्रीय सतर्कता आयोग के सचिव को भेजी जानी चाहिए और लिफाफे पर ‘कंप्लेंट अंडर पब्लिक इंटरेस्ट डिस्क्लोजर या पीडपी (Complaint under Public Interest Disclosure or PDP)’ लिखा होना चाहिए। शिकायतकर्ता अपना नाम व पूर्ण पता शिकायत पत्र के प्रारंभ या अंत में अवश्य लिखें।

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लेकिन, लिफाफे पर उसका नाम व पता नहीं लिखा होना चाहिए। वह इस बात का भी ध्यान रखे कि शिकायत के बीच में उसके नाम या पते का उल्लेख न हो और शिकायत में भी ऐसी कोई विवरण न हो जिससे उसकी पहचान संभव हो सकें।

पीडपी के अंतर्गत केवल डाक द्वारा भेजी गई शिकायतें ही स्वीकार की जाती है। ई-मेल, शिकायत पोर्टल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजी गई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।

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ध्यान दें, शिकायत में भ्रष्टाचार के मामले का पूर्ण विवरण होना चाहिए, जिसकी जांच की जा सकें। यदि कोई संबंधित साक्ष्य हो तो वे भी संलग्न करें। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखने के लिए आयोग ऐसी शिकायतों की पावती नहीं देता है। शिकायतकर्ता को भी सलाह दी जाती है कि वह अपने हित में शिकायत पर आगे की कार्रवाई जानने के लिए कोई पत्राचार न करें।

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ध्यान दें कि पीडपी के अंतर्गत विशेष रूप से भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत भेजी जाए। जैसे फलां विभाग में करोड़ों की लूट या फलां विभाग में नियमों का उल्लंघन जैसी आम शिकायत नहीं भेजी जानी चाहिए… और हां, शिकायतकर्ता वही शिकायत किसी दूसरी जांच एजेंसी को न भेंजे। शिकायत महज किसी कर्मचारी को परेशान करने के उद्देश्य से नहीं की जानी चाहिए।

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