- अभी तक आरआईएनएल को कोई भी कैप्टिव लौह अयस्क खदान आवंटित नहीं की गई है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सरकार ने अक्टूबर 2016 में विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट (वीआईएसपी) (Visvesvaraya Iron and Steel Plant (VISP)) के रणनीतिक विनिवेश के लिए ‘इन प्रिंसिपल (In Principal)’ मंजूरी दे दी थी। इसके बाद, रणनीतिक विनिवेश के लिए लेनदेन में आगे भाग लेने के लिए शॉर्टलिस्ट (Shortlist) किए गए बिडर्स द्वारा व्यक्त की गई असमर्थता के कारण, सक्षम प्राधिकारी ने इसे रद्द करने की मंजूरी दे दी थी।
केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा (Union Minister of State for Steel and Heavy Industries Bhupatiraju Srinivas Verma) ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी। विनिवेश के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) और विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट (वीआईएसपी) (Visvesvaraya Iron and Steel Plant (VISP)) , भद्रावती को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। जैसा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने 14/10/2022 को सूचित किया था, जिसे 31/10/2022 को सेल को अवगत करा दिया गया था।
वर्तमान में वीआईएसपी में 245 नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। मिल्स और फोर्ज शॉप जैसी विभिन्न फिनिशिंग सुविधाएं चालू हैं, और आवश्यकता के अनुसार सेल के सहयोगी प्लांट्स/यूनिट्स द्वारा आपूर्ति किए गए अर्ध-तैयार स्टील के साथ, वीआईएसपी ने वर्ष 2023-24 में 13000 टन बिक्री योग्य स्टील का उत्पादन किया है।
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लौह अयस्क ब्लॉक का आवंटन
भारत सरकार (Govt of India) ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की धारा 17(1ए) के तहत राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (Rashtriya Ispat Nigam Limited) (आरआईएनएल) के पक्ष में 19 दिसंबर, 2019 के पत्र के माध्यम से ओडिशा के क्योंझर जिले में मलंगटोली और खंडाधार के लौह अयस्क ब्लॉकों में से एक को आरक्षित करने के लिए ओडिशा सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। ओडिशा राज्य सरकार को 14 अगस्त, 2020, 20 अगस्त, 2020, 7 जनवरी, 2021, 28 जून, 2021 और 11 अक्टूबर, 2021 के पत्रों के माध्यम से अनुस्मारक जारी किए गए थे।
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ओडिशा सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। आरआईएनएल (RINL) ने विभिन्न राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ को एमएमडीआर अधिनियम, 2015 की धारा 17ए के तहत लौह अयस्क ब्लॉकों के आरक्षण के लिए आवेदन करना पड़ा है। अभी तक आरआईएनएल को कोई भी कैप्टिव लौह अयस्क खदान आवंटित नहीं की गई है।
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