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भिलाई स्टील प्लांट: रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल ने वेल्डेड रेल पैनल के उत्पादन में बनाया नया रिकॉर्ड, बधाई देने पहुंचे DIC-ED

भिलाई स्टील प्लांट: रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल ने वेल्डेड रेल पैनल के उत्पादन में बनाया नया रिकॉर्ड, बधाई देने पहुंचे DIC-ED
  • अक्टूबर 1960 में उद्घाटन के बाद से रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल (आरएसएम) पिछले छह दशकों से अधिक समय से भारतीय रेलवे की मांगों को पूरा करता आ रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL Bhilai STeel Plant) के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल (Rail and Structural Mill ने 30 जुलाई 2024 को 260 मीटर लंबाई में 47 वेल्डेड रेल पैनल का उत्पादन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

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13 जनवरी 2023 को उत्पादित 46 वेल्डेड रेल पैनल के पिछले रिकॉर्ड को पार किया। भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL Bhilai STeel Plant) के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार ने 31 जुलाई 2024 को रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल का दौरा कर आरएसएम टीम को बधाई दी।

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निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने मुख्य महाप्रबंधक (आरएसएम एंड आरटीएस) तीर्थांकर दस्तीदार, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और आरएसएम बिरादरी के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उत्पादन की गति बनाए रखने और आरएसएम टीम को प्रतिदिन 50 वेल्डेड रेल पैनलों के उत्पादन का लक्ष्य लेकर कार्य करने हेतु प्रेरित किया।

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अक्टूबर 1960 में उद्घाटन के बाद से रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल (Rail and Structural Mill) पिछले छह दशकों से अधिक समय से भारतीय रेलवे की मांगों को पूरा करता आ रहा है एवं वांछित लंबाई, ग्रेड और उत्पादित पटरियों की गुणवत्ता, रेलवे द्वारा निर्दिष्ट मानकों के अनुसार कड़े विनिर्देशों को पूरा करता है।

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उत्पादन सुविधाओं को उन्नत करने के लिए समय-समय पर मिल का आधुनिकीकरण किया गया है। भारतीय रेलवे की लंबी रेल की मांगों को पूरा करने हेतु वर्ष 2004 में आरएसएम में एक नया लॉन्ग रेल कॉम्प्लेक्स स्थापित किया गया, जिसके बाद मिल में 130 मीटर लंबे वेल्डेड रेल पैनलों का उत्पादन प्रारंभ हुआ।

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260 मीटर लंबे वेल्डेड रेल पैनलों की पहली खेप फरवरी 2006 में आरएसएम से रेलवे को भेजी गई थी। सितंबर 2022 में आरएसएम में एक नई फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।

आरएसएम से लांग रेल का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ 1.71 लाख टन लांग रेल उत्पादन दर्ज किया, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में दर्ज पिछले सर्वश्रेष्ठ उत्पादन 1.52 लाख टन से कहीं अधिक है।

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वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही, अप्रैल से जून की अवधि में आरएसएम ने अब तक के किसी भी पहली तिमाही अवधि में 46,654 टन का उच्चतम लांग रेल उत्पादन दर्ज करते हुए वर्ष 2012-13 के पहली तिमाही में दर्ज पिछले सर्वश्रेष्ठ उत्पादन 37,516 टन को पार किया।

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वर्तमान में मिल भारतीय रेलवे की मांग के अनुसार आर-260 ग्रेड रेल का उत्पादन करती है। सेल-बीएसपी ने रेलवे की माइक्रो-अलॉयड रेल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आर-260 नामक रेल का नया ग्रेड विकसित किया था। वर्तमान में रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल और यूनिवर्सल रेल मिल दोनों में आर-260 ग्रेड रेल की रोलिंग जा रही है।

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आर-260 ग्रेड रेल के मानदंड और विनिर्देश सेल-बीएसपी द्वारा पूर्व में उत्पादित ग्रेड-880 या यूटीएस-90 रेल और यूरोपीय देशों में उपयोग की जाने वाली रेल के स्पेसीफिकेशनों से भी कहीं अधिक कड़े हैं।

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रेल पटरियों के स्विच पॉइंट में उपयोग के लिए रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल द्वारा थिक वेब ऐसेमेट्रिक रेल का उत्पादन भी किया जाता है। साबरमती स्थित फ्लैश-बट वेल्डिंग प्लांट में वेल्डिंग हेतु इनपुट रेल की आपूर्ति रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल द्वारा 26 मीटर लंबाई में की जा रही है। एफबीडब्ल्यूपी के उपयोग से भिलाई इस्पात संयंत्र को लांग रेल पैनल की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिली है।

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