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बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी के परिवार की बची जान, किचन की छत का गिरा प्लास्टर, सब दहशत में

बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी के परिवार की बची जान, किचन की छत का गिरा प्लास्टर, सब दहशत में
  • कर्मचारी यूनियन BAKS Bokaro ने प्रबंधन के रवैये पर उठाए सवाल। जताया आक्रोश।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL Bokaro Steel plant) की टाउनशिप से बड़ी खबर आ रही है। एक कर्मचारी का परिवार बाल-बाल बच गया, अन्यथा जान को बचाना मुश्किल हो जाता। पिछले पांच माह से सिविल अनुरक्षण का टेंडर नहीं होने के कारण कर्मचारियों को जर्जर आवासों में रहना पड़ रहा है।

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BAKS Bokaro को घटना की जानकारी होते ही पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। प्रबंधन के इस रवैये पर आक्रोश जताया। पीड़ित परिवार की तरफ से जानकारी दी गई कि सेक्टर 9 के सड़क नंबर 35 के आवास संख्या 435 के किचन की छत का प्लास्टर टूट कर गिर गया।

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इसकी शिकायत साल 2019 में की गई थी। लगातार कई बार शिकायत करने पर भी कोई विभाग सक्रिय नहीं हुआ। भारी अनुरक्षण यांत्रिक विभाग (Heavy Maintenance Mechanical Department) के कर्मचारी महादेव महतो का परिवार यहां रहता है। शुक्रवार को खाना बनाने के बाद परिवार की महिला जैसे ही बाहर निकलीं थीं, तभी तेज आवाज के साथ प्लास्टर टूटकर नीचे गिर गया।

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सिविल मेंटेनेंस (Civil Maintenance) के लिए अधिक बजट की जरूरत होती है। सर्वाधिक बजट वाला अनुभाग है। भरपूर मात्रा में संसाधन होने के बावजूद श्रमिकों को इसका लाभ मिलने के बजाए नुकसान उठाना पड़ रहा है। आयेदिन छत का प्लास्टर टूटना, छज्जों का गिरना, बारिश में सीपेज होना और ऑनलाइन शिकायत करने पर न तो कोई संज्ञान लेता है। न ही कोई कार्यवाई होती है।

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इस्पात श्रमिक जहां एक ओर राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर हर एक काम देश के नाम कर रहे हैं। वहीं, उन्हें तथा उनके परिवार को रहने के लिए एक सुरक्षित आश्रय का न होना एक महारत्न कंपनी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। पूरा का पूरा विभाग कान में तेल डाल गहरी नींद में है।

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वहीं, नगर सेवा विभाग (Municipal Services Department) के मुख्य महाप्रबंधक का उदासीन रवैया भी बहुत से प्रश्नों को जन्म दे रहा है। विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही का खामियाजा सिर्फ कर्मचारी और उनका परिवार ही क्यों सहे? संबंधित अनुभाग की कोई जिम्मेवारी है की नही?

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