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Employees Pension Scheme 1995: स्वतंत्रता दिवस, पीएम मोदी, राहुल गांधी और ईपीएस 95 पेंशन, बहुत कष्ट है भाई…

Employees Pension Scheme 1995: स्वतंत्रता दिवस, पीएम मोदी, राहुल गांधी और ईपीएस 95 पेंशन, बहुत कष्ट है भाई…
  • ईपीएफओ (EPFO), पीएम मोदी, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) पर रिपोर्ट।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। स्वतंत्रता दिवस 2024 (Independence Day 2024) का जश्न मनाया गया। लेकिन, स्वतंत्रता दिवस 2014 और 2024 पर पीएम मोदी के भाषण का जिक्र किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तब और अब क्या कहा…या नहीं कहा…इसको लेकर चर्चा हो रही है। वहीं, विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Leader of Opposition Rahul Gandhi) का नाम भी उछल रहा है।

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ईपीएफओ (EPFO), पीएम मोदी, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) लेकर लेकर पेंशनर्स समीक्षा कर रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization), पीएम सवाल पर ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) को लेकर एक पेंशनर्स ने लिखा-2014 के भाषण में मोदी जी ने ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 1000.00 रुपये तय करने की घोषणा की थी। उस तारीख से दस साल हो चुके हैं। लंदन में टेम्स ब्रिज के नीचे बहुत पानी बह चुका है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है और कामकाजी लोगों के वेतन में वृद्धि हुई है। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि हुई है, लेकिन EPS न्यूनतम पेंशन उसी स्तर पर बनी हुई है। दुर्भाग्य से, 2024 में मोदी के भाषण में इस विषय पर एक शब्द भी नहीं है।

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पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने राहुल गांधी,कांग्रेस और EPS पेंशन पर बात रखी। कहा-उन्होंने कभी भी EPS पेंशन के बारे में अपनी आवाज़ नहीं उठाई। जहां तक मुझे पता है, कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस मुद्दे को नहीं उठाया। वे कैसे उठा सकते हैं, क्योंकि वे इस गड़बड़ी के निर्माता हैं। कम से कम नए नेता इस पर ध्यान देंगे। जैसा कि मैंने पहले भी समझाया है कि यदि आवश्यक हो तो सरकारी सहायता के साथ पुराने पेंशनभोगियों को कुछ राहत देने के लिए न्यूनतम पेंशन को उचित रूप से संशोधित किया जाना चाहिए और नए पेंशनभोगियों की सहायता के लिए पेंशन योग्य वेतन में समय-समय पर संशोधन किया जाना चाहिए। दस साल में एक बार या मुद्रास्फीति तथा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पहले भी। पेंशन फंड की स्थिति जानने के लिए फंड का एक्चुरियल मूल्यांकन हर साल या दो साल में एक बार किया जाना चाहिए।

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