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Big News : मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय, ऐसे बरते सावधानियां और ये बिल्कुल भी न करें, Durg के एक्सपर्ट्स ने बताया

Big News : मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय, ऐसे बरते सावधानियां और ये बिल्कुल भी न करें, Durg के एक्सपर्ट्स ने बताया

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। दुर्ग की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी (Durg Collector Richa Prakash Choudhary) के निर्देश अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मनोज दानी (Chief Medical and Health Officer Dr. Manoj Dani) और जिला सर्विलांस अफसर डॉ.सी.बी.एस.बंजारे (District Surveillance Officer Dr. C.B.S. Banjare) ने मंकीपॉक्स क्या हैं और इससे बचने के उपाय से रिलेटेड सुझाव दिए है। उन्होंने दुर्ग जिले में मंकीपॉक्स संक्रमण से रिलेटेड भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा और निर्देशों का पालन करने आम जनता से अपील की हैं।

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-क्या हैं मंकीपॉक्स (Monkey Pox)

मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक डिसीस हैं, जो कि प्रमुखतः अफ्रीका के मध्य और पश्चिम भाग में पाए जाते है। बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी लगना, लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण पाए जाते है। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण हैं। इसके लक्षण सामान्य रूप से दो से चार हफ्ते में खत्म हो जाते है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण मुख्य तौर पर बड़ी श्वसन बूंदों के जरिए संक्रमित व्यक्ति के करीब कॉन्टेक्ट में रहने वाले व्यक्तियों को होता हैं।

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-ऐसे करें बचाव

एक्सपर्ट्स की मानें तो लक्षण पाए जाने के बाद अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से कॉन्टेक्ट करें। एक्सपर्ट्स से सलाह लें। संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित होने से बचाव के लिए खुद को घर पर आइसोलेटेड करके रखें। रेगुलर तौर से साबुन और पानी से हाथों को धोए। मुख्य तौर पर चकते को छूने के बाद जरूर हाथों को धोए।

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-यह बिल्कुल न करें

विशेषज्ञों की मानें तो फफोलों या घाव को बिल्कुल भी न फोड़ें। ऐसा करने से दाने बॉडी के अन्य हिस्सों में फैल सकता हैं और घाव को संक्रमित कर सकता हैं। फफोलों या घाव वाले इलाके को तब तक सेवन न करें जब तक की फफोलों की पपड़ी ठीक न हो जाए और उसके नीचे नई त्वचा न आ जा
ए तब तक थोड़ा एहतियात बरते।

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