-ठेका मजदूरों को भी छोटे आवास रहने के लिए देने की मांग।
-650 स्क्वायर फीट तक के आवास को लाइसेंस पर देने, रिटेंशन स्कीम की राशि को कम करने।
-कब्जे से बचाने के लिए 2-3 आवास को एक साथ बीएसपी कर्मचारियों को आवंटित करने आदि की मांग की गई।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप में कब्जे के खिलाफ ज्वाइंट फोरम ने जिस तरह से बीएसपी का समर्थन किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। कब्जेदारों के खिलाफ हर कार्रवाई में आफिसर्स एसोसिएशन और ट्रेड यूनियन के नेताओं ने मौजूदगी से इंफोर्समेंट डिपार्टमें का मनोबल भी बढ़ाया। इसी बात से उत्साहित बीएसपी के सीजीएम टाउनशिप डीवाई सप्काले, सीजीएम पर्सनल संदीप माथुर, जीएम आइआर जेएन ठाकुर ने सभी यूनियन नेताओं की संयुक्त बैठक बुलाई।
बैठक में प्रबंधन की सोच और आगे की कार्यवाही पर बात की गई। वहीं, कुछ यूनियन नेताओं ने मौन साधा तो कुछ ने भड़ास निकाल दी। प्रबंधन को दो-टूक बोल दिया कि हर कार्रवाई के लिए यूनियन आपका समर्थन करती रहेगी। लेकिन इससे पहले कर्मचारियों के वेलफेयर के मुद्दे पर बात करनी होगी। कर्मचारी हित में पॉलिसी बनाने और अमल करने से ही यूनियन एकजुट होकर आपके साथ हर अभियान में खड़ी रहेगी।
सिर्फ एकतरफा समर्थन से बात नहीं बनेगी। 650 स्क्वायर फीट तक के आवास को लाइसेंस पर देने, रिटेंशन स्कीम की राशि को कम करने, कब्जे से बचाने के लिए 2-3 आवास को एक साथ बीएसपी कर्मचारियों को आवंटित करने आदि की मांग की गई।
पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने साफ कर दिया कि कर्मचारियों के विषयों पर बीएसपी का साथ मिलेगा, तभी यूनियन भी साथ देगी, अन्यथा चेहरा दिखाने के लिए कोई नहीं आएगा। इसी तरह की बात लोइमू ने भी की। राजेंद्र सिंह परगनिहा ने कहा-अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई ठीक बात है। लेकिन भेदभाव क्यों?
हरिराज, राजेश स्टोर, सेक्टर-9 में पुलिस अधिकारी के बंगले में खटाल पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। कर्मचारियों के वेलफेयर के मुद्दे पर क्यों खामोशी रहती है। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और लोइमू के राजेंद्र सिंह परगनिहा, सुरेंद्र मोहंती और देवेंद्र सोनी ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
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बैठक में बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन-ओए के अध्यक्ष एनके बंछोर, महासचिव परविंदर सिंह, इंटक से वंश बहादुर सिंह, पूरन वर्मा, सीटू से विजय जांगडे, केवेंद्र सुंदर, एटक से विनोद कुमार सोनी, विनय मिश्र, स्टील वर्कर्स यूनियन से नंद किशोर गुप्ता, इस्पात श्रमिक मंच से शेख महमूद, राजेश अग्रवाल, एक्टू से बृजेंद्र तिवारी, श्याम लाल साहू, लोइमू से राजेंद्र सिंह परगनिहा, सुरेंद्र मोहंती, देवेंद्र सोनी, एचएमएस से रघुवर गौड आदि मौजूद रहे।
जानिए मीटिंग में क्या-क्या हुआ
-सीजीएम टाउनशिप ने सभी का धन्यवाद दिया। अवैध कब्जे को लेकर जो माहौल बना था, उसमें ज्वाइंट फोरम के समर्थन का शुक्रिया अदा किया।
-इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के डीजीएम केके यादव ने कार्रवाई को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया आदि की जानकारी दी।
-ठेका मजदूरों को भी छोटे आवास रहने के लिए देने की मांग।
-सड़क पर जो कब्जे हो रहे हैं, उस पर भी ध्यान दीजिए।
-यूनियन नेता बोले-वेलफेयर पर भी बात कीजिए, तभी फोरम का महत्व है। वरना गलत दिशा में सब जाएगा।
-स्टील सिटी की मांग फिर की गई है। सबने सामूहिक मांग की।
-भिलाई टाउनशिप की बाउंड्री करने की मांग की गई।
-सब्जेक्ट टू वेकेशन की अवधि 3 साल नहीं एक साल कीजिए।
-आफिसर से रिटेंशन पर 10 लाख रुपए और कर्मचारी 9 लाख लिया जा रहा है।
-लाइसेंस पर 5 लाख तक लिया जा रहा है। रिव्यू कीजिए, इतना पैसा क्यों दिया जाए।
-वंश बहादुर सिंह ने कहा कि सभी यूनियन की राय को महत्व दें। यहां पॉलिसी बनाएं। वरना कर्मचारी यही कहता है कि यूनियन इंफोर्समेंट के लिए काम करता है।
-आवासों को लाइसेंस पर देने के लिए स्कीम लाइए, कब्जा रुक जाएगा।
-एनके बंछोर बोले-राजनीतिक दबाव के चलते कब्जे का दायरा बढ़ा। सभी लोगों ने मिलकर भिलाई टाउनशिप की छवि को बेहतर करने की दिशा में काम किया है, आगे भी करेंगे।
लोइमू ने बैठक में कर दिया हंगामा
लोइमू नेता राजेंद्र परगनिहा ने कहा-पीपी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। कब्जे के खिलाफ कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है। राजेश सुपर बाजार, हरिराज जैसे अनगिनत बड़े अवैध कब्जेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।