पूरी ताकत से बादल गरजे और बरसे, जल-जमाव, नालों में गिरी गाड़ियां, सब परेशान

Weather News Clouds Thundered and Rained with full force, Waterlogging Vehicles fell into Drains Everyone Troubled
  • बारिश थमते ही मुस्कुराता हुआ चांद नजर आया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। मौसम के बदलते करवट से शाम होते ही बारिश ने अपना रूप दिखाया। मंगलवार शाम को तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया। दुर्ग-भिलाई व आसपास के इलाकों में बारिश का असर देखा गया।

बारिश ने दुर्ग शहर के कई तस्वीरों को पेश किया। कहीं पर दुकानों में पानी घुस रहा था, तो कहीं पर मकानों में पानी घुस रहा था। सड़कों पर पानी ऐसा बह रहा था जैसे मानो वह सड़कों पर नहीं बल्कि नाले और नदी में बह रहा है।

Vansh Bahadur

कुल मिलाकर 1 घंटे की बारिश ने दुर्ग शहर के कई इलाकों को तालाब में बदल दिया। कुछ नजारे ऐसी भी सामने आए कि लोगों को पता ही नहीं चला कि सड़क कहां है और सड़क के बगल का नाला कहां है। लोग चलते-चलते अचानक नाले में ही गिर पड़े। यह सब कुल मिलाकर एक दिन का एक घंटे में हुई बारिश का नजारा था।

अब के बादल गरजे भी और बरसे भी

यह कहावत बहुत मशहूर है कि गरजने वाले बादल बरसते नहीं है। किंतु दो दिनों से भिलाई और दुर्ग में जो नजर आ रहा है, उससे पता चलता है कि बादल गरज भी रहे हैं और ताकत के साथ बरस भी रहे हैं। गरज ऐसी की सिरहन पैदा हो जाए और बारिश ऐसी की शहर तालाब नजर आए। इस बार बदल गरजे भी और बरसे भी।

बारिश थमते ही आसमान में मुस्कुराया चांद

बारिश थमते ही आसमान में मुस्कुराता हुआ चांद नजर आया। मानो कह रहा है कि एक बारिश में ही जो अफरा तफरी मच गई है, उसके जिम्मेदार हम नहीं बल्कि केवल और केवल तुम हो। जो ना केवल मिट्टी वाले जमीन को खत्म करके चारों तरफ सीमेंट के फर्श पेवर ब्लॉक और न जाने क्या-क्या कर दिए हो।

बल्कि, जो थोड़ा बहुत पानी निकालने के लिए नालियां बनी हुई है, उसमें भी कचरा भरकर उसे जाम कर दिए हो। क्योंकि आसमान तो हमेशा से ऐसा ही बरसता है। किंतु धीरे-धीरे जमीन के अंदर पानी जाने का रास्ता बंद कर दिए हो, जिसके कारण तुम्हारे लिए यह आफत पैदा हो रही है।

हर साल आती है बारिश, किंतु जनप्रतिनिधि आते हैं 5 साल में एक बार

बारिश में फंसे लोगों को अचानक जनप्रतिनिधि याद आ गए और चुटकी लेते हुए कहने लगे कि बारिश तो हर साल आती है। और हम कभी ना कभी बारिश के चपेट में इसी तरह आ जाते हैं, किंतु इसे ठीक करने एवं शहर को अच्छा बनाने का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि 5 साल में एक बार आते हैं। अबकी बार आएंगे तो उनसे जरूर पूछेंगे कि बड़ी-बड़ी समस्याओं को छोड़िए। हमारे रोजमर्रा के जीवन के साथ जुड़े हुए ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं का तो समाधान निकाल दीजिए।