Amritsar-Kolkata Industrial Corridor: बोकारो स्टील प्लांट देगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए 750 एकड़ जमीन, पैसे पर फंसा पेंच

Amritsar-Kolkata Industrial Corridor Bokaro Steel Plant to Provide 750 Acres Land for Integrated Manufacturing Cluster Rate Issue Stuck
  • मंत्री ने रांची में की उच्च स्तरीय बैठक। बोकारो के इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार।
  • मंत्री संजय प्रसाद यादव ने बोकारो के डीसी अजय नाथ झा, विधायक श्वेता सिंह, बीएसएल के जीएम टीए एके सिंह संग की बैठक।

सूचनाजी न्यूज, बोकारा। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) के तहत प्रस्तावित बोकारो इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) प्रोजेक्ट को लेकर शुक्रवार को रांची में एक अहम बैठक हुई।

श्रम एवं उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव की अध्यक्षता में राज्य सरकार के अधिकारियों और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारी आमने-सामने बैठे। जमीन को लेकर विवाद अब भी बना हुआ है। राज्य सरकार सर्किल रेट पर जमीन मांग रही है, जबकि बीएसएल मार्केट रेट से जमीन ट्रांसफर करने की बात बोल रहा है।

उद्योग मंत्री संजय यादव की मौजूदगी में नेपाल हाउस डोरंडा में बैठक हुई। झारखंड सरकार जमीन को लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराएगी। इसके लिए बोकारो को चयनित किया गया है। इसके लिए बोकारो स्टील प्लांट से 750 एकड़ जमीन मांगी गई है। बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन का कहना है कि मार्केट रेट से 1400 करोड़ रुपए जमीन का रेट आ रहा है।

राज्य सरकार सर्किल रेट से साढ़े 700 करोड़ में ही मांग रही है। इसी को लेकर विवाद बना हुआ है। अब दोनों पक्ष अपनी-अपनी रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजेंगे। इस्पात मंत्रालय सचिव और राज्य सरकार के मुख्य सचिव स्तर पर रेट तय किया जाएगा। इसके बाद ही प्रोजेक्ट को मूर्तरूप दिया जा सकेगा।

बैठक में बीएसएल टीए डिपार्टमेंट के जीएम एके सिंह, बोकारो डीसी अजय नाथ झा, विधायक स्वेता सिंह समेत वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

बोकारो की विधायक श्वेता सिंह द्वारा झारखंड विधानसभा में उठाए गए प्रस्ताव के बाद त्वरित कार्रवाई के तहत बैठक बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने इस लंबे समय से लंबित प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी।

बैठक में उद्योग निदेशक, भूमि अभिलेख निदेशक, जियाडा के प्रबंध निदेशक, शहरी प्रशासन के अधिकारी और बोकारो स्टील प्लांट से एके सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बताया जा रहा है कि IMC प्रोजेक्ट वर्ष 2021 से भूमि संबंधी जटिलताओं के कारण अटका है। व्यावहारिक भूमि मूल्यांकन और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि प्रोजेक्ट को गति मिल सके।

बैठक का एक महत्वपूर्ण निर्णय यह रहा कि राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही दिल्ली जाकर केंद्रीय इस्पात मंत्री और इस्पात सचिव से मुलाकात करेगा, ताकि केंद्रीय स्तर पर प्रक्रिया को तेज किया जा सके।

विधायक के मुताबिक IMC परियोजना से 50,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह प्रोजेक्ट झारखंड की औद्योगिक प्रगति में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है।

उद्योग मंत्री संजय यादव ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार परियोजना को लेकर प्रतिबद्ध है और केंद्र के साथ समन्वित प्रयासों के जरिए इसे समय पर लागू किया जाएगा।