बीएसपी यूनियन चुनाव आते ही हनुमान जी की चरणों में बीडब्ल्यूयू, हनुमान चालीसा से किया चुनावी शंखनाद, हर मंगलवार होगा यूनियन दफ्तर में बजरंगबली का गुणगान
अतिरिक्त महासचिव शिव बहादुर सिंह का कहना है कि प्रबंधन परस्त एनजेसीएस यूनियनों से सावधान रहें। भिलाई इस्पात संयंत्र के मेहनतकश कर्मचारी बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BWU) की तरफ रुख कर चुके हैं।
अज़मत अली, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में मान्यता प्राप्त यूनियन का चुनाव होने जा रहा है। ट्रेड यूनियनें एक-एक वोटर को साधने में जुटी हुई हैं। प्लांट से टाउनशिप और बाजार तक यूनियनें पसीना बहा रही हैं। चुनावी समीकरण के तहत अब पवन पुत्र हनुमानजी की चरणों में यूनियन पहुुंच चुकी है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने हनुमान चालीसा से चुनावी शंखनाद कर दिया है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय कार्यालय सेक्टर-7 में मंगलवार को हनुमान चालीसा पाठ का पाठ किया गया। भगवान बजरंगबली की स्तुति गान, हनुमान चालीसा पाठ एवं आरती की गई। प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर यह निर्णय लिया गया कि हर मंगलवार को यूनियन कार्यालय में “हनुमान चालीसा” पाठ किया जाएगा एवं प्रसाद स्वरूप भगवान का भोग वितरण किया जाएगा। अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता का कहना है कि बीएसपी वर्कर्स यूनियन भिलाई इस्पात संयंत्र की एक स्वतंत्र सशक्त यूनियन है, जिसके माध्यम से कर्मचारियों के हित में कार्यों के साथ-साथ धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं विभिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्य लगातार किए जाते हैं।
वहीं, अतिरिक्त महासचिव शिव बहादुर सिंह का कहना है कि प्रबंधन परस्त एनजेसीएस यूनियनों से सावधान रहें। भिलाई इस्पात संयंत्र के मेहनतकश कर्मचारी बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BWU) की तरफ रुख कर चुके हैं। अब मतदान का इंतजार है। वोटों के रूप में कर्मचारी अपना समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में जो वेतन समझौता हुआ, अभी तक अधूरा ही है।
इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं, यही एनजेसीएस यूनियने हैं, जो आज आप लोगों के बीच आकर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केन्द्र सरकार को दोषी ठहरा रही हैं। जबकि सच्चाई यह है कि असली गुनाहगार यही एनजेसीएस यूनियने हैं, जो दिल्ली में बैठकर सेल प्रबंधन के प्रलोभन के सामने अपने जमीर को बेच देती है। 39 महीने का एरियर नहीं देने के लिए मूक सहमति दी गई।
कर्मचारियों का 13% एमजीबी, 26.5 प्रतिशत पर्क्स पर समझौता किया। पेंशन में 9% अंशदान के बदले ग्रेच्युटी की गणना के लिए अक्तूबर 2021 के बेसिक, डीए पर एनजेसीएस यूनियनों द्वारा समझौता किया गया, जो हर कर्मचारी के लिए लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाला है।
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ओपन एंडेड पे स्केल के ऊपर किसी तरह की चर्चा नहीं, बोनस फार्मूले पर चर्चा नहीं, पे स्केल का निर्धारण नहीं, युवा कर्मचारियों के सम्मानजनक पद नाम पर कोई चर्चा नहीं, 2003 से ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस के साथ जोड़ने के लिए कुछ नहीं किया, ट्रेनीज के स्टाइपेंड के एरियर के लिए कोई पहल नहीं…। दिल्ली में पांचों एनजेसीएस यूनियनें मौसेरे भाई हैं। तीन ने वेतन समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया दो ने मौन सहमति दे दी। इसलिए साथियों अब वक्त आ गया है कि इन यूनियनों को आप लोग सबक सिखाएं।