Bhilai Steel Plant Accident: मौत के कुएं में भरी थी गैस, वेल्डिंग की चिंगारी से धमाका, पानी के टैंक में डुबकी लगाकर बची एक की जिंदगी, दूसरे ने तड़पकर दे दी जान, देखिए तस्वीरें
भिलाई स्टील प्लांट के स्लैग ग्रेनुलेशन प्लांट-एसजीपी के भीषण हादसे ने सिस्टम को झकझोरा। लापरवाही की वजह से हादसा हुआ।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के स्लैग ग्रेनुलेशन प्लांट-एसजीपी के भीषण हादसे ने सेल को हिलाकर रख दिया है। आग से झुलसकर एक मजदूर की मौत हो गई, दूसरा जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है। हादसे की वजह भी अब सामने आने लगी है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 13 मीटर गहरने स्थान पर मजदूर मरम्मत कार्य के लिए उतरे थे। वेल्डिंग की तैयारी की गई। जैसे ही वेल्डिंग शुरू की गई, चिंगारी निकलने लगी। चिंगारी छटकते ही वहां तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। धमाके से सब हिल गए। धमाके से आग लगी और मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया।
कपड़े में आग लगते ही ठेका मजदूर परमेश्वर चीखते हुए किसी तरह बाहर निकल सका। तब तक उसके शरीर में आग फैल चुकी थी। बाहर निकलने के बाद उसे समीप के पानी के टैंक में डुबकी लगवाकर आग को काबू में किया। इस वजह से मजदूर की जान बचाई जा सकी। बताया जा रहा है कि वह 90 प्रतिशत झुलस चुका है।

इधर-अंदर फंसा राहुल उपाध्याय जान बचाने के लिए चीखता रहा, लेकिन बाहर मौजूद लोग अंदर देख ही नहीं पा रहे थे। धुआं और आग की वजह से कुछ नजर नहीं आ रहा था। बचाव-बचाव की आवाज बाहर सुनाई दी, चंद मिनटों के अंदर ही आवाज भी हमेशा के लिए शांत हो गई। एसजीपी के कार्मिकों के मुताबिक गैस का पॉकेट बन गया था। गैस का पॉकेट बनने से ब्लॉस्ट हुआ और फिर आग फैली।

एसजीपी की चार लाइन है। एसजीपी के लाइन-2 के रिसीविंग बिन में हादसा हुआ है। बता दें कि कैपिटल रिपेयर का कार्य अगस्त 2021 से चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि करीब तीन माह और रिपेयर का कार्य चलेगा। इसके बाद उत्पादन बहाल हो सकेगा। वहीं, कर्मचारी वर्ग का कहना है कि गैस सेफ्टी मानीटर नहीं होने की वजह से इस तरह का हादसा होता है। सेफ्टी मानीटर होता तो गैस का पता चलता। ठेका मजदूरों को खतरनाक कार्यस्थल पर उतार दिया गया, लेकिन वहां सुरक्षा का बंदोबस्त नहीं किया गया। इस वजह से भीषण हादसा हा गया।