Suchnaji

Bhilai Steel Plant: रेल मिल हादसे की और खुली परत, होगा बड़ा एक्शन

Bhilai Steel Plant: रेल मिल हादसे की और खुली परत, होगा बड़ा एक्शन
  • दोपहर 1.30 से 3.00 बजे  तक मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल द्वारा मेंटेनेंस कार्य किया जाता है। इसके लिए कोई शट डाउन नहीं लिया जाता, बल्कि फारबिडेन्स लगाकर कार्य किया जाता है, जिससे सिस्टम बंद हो जाता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। रेल मिल फिनिशिंग एरिया (Rail Mill Finishing Area) में घटी दुर्घटना की जांच करने सीटू की केंद्रीय सुरक्षा समिति और सीटू से ज्वाइंट कमेटी फॉर सेफ्टी इन स्टील इंडस्ट्री (Joint Committee for Safety in Steel Industry) के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे। एसपी डे के साथ फिनिशिंग टेल्फर एरिया का दौरा किया गया।

AD DESCRIPTION

ये खबर भी पढ़ें : SAIL Foundation Day 2024: रन फॉर सेल के लिए 5 किलोमीटर तक दौड़ गए लोग, पढ़िए विजेताओं के नाम

AD DESCRIPTION AD DESCRIPTION

समिति में जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी, केवेंद्र सुंदर, अशोक खातरकर, टी जोगा राव, डीवीएस रेड्डी उपस्थित थे। जांच के पश्चात मुख्य महाप्रबंधक से मुलाकात की गई।

यह थी रेल मिल की दुर्घटना

अक्सर दोपहर 1.30 से 3.00 बजे  तक मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल द्वारा मेंटेनेंस कार्य किया जाता है। इसके लिए कोई शट डाउन नहीं लिया जाता, बल्कि फारबिडेन्स लगाकर कार्य किया जाता है, जिससे सिस्टम बंद हो जाता है।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL Foundation Day 2024: बीएसपी के 666 कर्मचारी दीर्घ सेवा सम्मान से सम्मानित

दुर्घटना के दिन भी हेंडलिग एरिया के रोल टेबल 126 मे टेल्फर 11 के नीचे एक ड्राइव रोलर असेंबली बदलने के लिए कार्य किया जा रहा था और इसी रोल टेबल पर 52 मीटर लंबी रेल कार्यस्थल से चार मीटर पीछे थी, जो कि पहली पाली द्वारा मूवमेंट न होने के कारण रुकी हुई थी। लेकिन मेंटेनेंस कार्य के दौरान रोल टेबल चल जाने के कारण रेल आगे की ओर चल पड़ी। इस रोल टेबल पर राम स्नेही गुप्ता, मान सिंह एव अन्य साथी मजदूर कार्य कर रहे थे, जो रेल कि मूवमेंट को देख नहीं पाए, जिससे रोल टेबल के मध्य में पैर होने के कारण रेल सीधे राम स्नेही गुप्ता के पैर से लगी। वहीं, मान सिंह बचने के लिए कूद गए, जिससे उसके हाथ में फ्रेंक्चर और कुछ अंदरुनी चोट आयी।

ये खबर भी पढ़ें : SAIL हड़ताल की तारीख आगे बढ़ी, सिर्फ आश्वासन पर सब राजी

वहीं राम स्नेही गुप्ता के घुटना और टखना के मध्य की हड्डी पूरी तरह से टूट गई। अब ये रोल टेबल कैसे चल गई ये जांच का विषय है?

सुरक्षा में लापरवाही पर होनी चाहिए कठोर कार्यवाही

जांच के पश्चात मुख्य महाप्रबंधक से चर्चा के दौरान सीटू नेताओं ने कहा कि सुरक्षा में की गई लापरवाही काम करने वाले के जान को खतरे में डालता है। इसीलिए सुरक्षा में लापरवाही के लिए दोषी लोगों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, ताकि सुरक्षा में लापरवाहियों पर नियंत्रण पाया जा सके। इस पर मुख्य महाप्रबंधक दस्तीदार ने कहा कि जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें : प्रबंधन बोला-SAIL हड़ताल अवैध, BSP के आला अधिकारियों की महाबैठक, CCTV कैमरे से होगी हंगामा करने वालों की पहचान

कार्यक्षेत्र का नहीं लिए गया था शटडाउन

जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि जहां कार्य चल रहा था। वहां का इलेक्ट्रिकल शटडाउन नहीं लिया गया था। शटडाउन न लेने के कई कारण बताए जा रहे हैं, किंतु शटडाउन न लेने अथवा कार्य शुरू करने के पहले फारबिडेन्स न लगाने के कारण ही यह दुर्घटना हुई है।  फारबिडेन्स वह व्यवस्था है, जिसमें शटडाउन लिए बिना ही इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट को ऑपरेशन मोड़ से मेंटेनेंस मोड में रखा जा सकता है।

ये खबर भी पढ़ें : संयुक्त यूनियन ने कहा – SAIL करप्शन रोक लेता तो एरियर रोकना नहीं पड़ता

संयंत्र में कई जगह फारबिडेन्स लगाकर कार्य करने की व्यवस्था है। बावजूद इसके रेल मिल में 23 जनवरी को जहां दुर्घटना हुई थी। वहां, फोरबिडेंस नहीं, बल्कि शटडाउन लेना जरूरी था।

ये खबर भी पढ़ें : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों NMDC को मिला अवॉर्ड

घटना घट जाने के बाद करते हैं कार्यक्षेत्र में बदलाव

संयंत्र में दुर्घटनाजन्य क्षेत्र होना आम बात है। इसे सुरक्षित करने के लिए कर्मियों के द्वारा बात उठाने के बावजूद उस कार्य क्षेत्र में बदलाव न करना भी आम बात है। किंतु जैसी ही दुर्घटना हो जाती है। आनन-फानन में कार्यक्षेत्र में सुधार करने की कोशिश शुरू हो जाती है।  ऐसा ही मंज़र रेल मिल के टेल्फर एरिया में भी दिखा। दुर्घटना घट जाने के बाद टेल्फर वाले क्षेत्र को रोशनी से जगमगा दिया गया, जबकि आए दिन यहां काम करने वाले कर्मी कम रोशनी की शिकायत करते रहे हैं। किंतु तब पर्याप्त रोशनी का इंतजाम नहीं किया जाता था।

ये खबर भी पढ़ें : सुभाष चंद्र बोस जयंती 2024: नेताजी का योगदान भूला नहीं सकता समाज

सीटू ने उठाया सुपरविजन का मामला

सीटू की टीम ने मुख्य महाप्रबंधक से चर्चा के दौरान कहा कि ठेका श्रमिकों को काम कौन बताता है। उनके द्वारा किए जा रहे काम का सुपरविजन कौन करता है? जिस साइट पर एक्सीडेंट हुआ है, क्या वहां चार्जमैन नहीं था? इसके जवाब में मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि एक ही बीएसपी का कर्मी सुपरविजन कर रहा था और वह कर्मी तीन जगह काम देख रहा था।

ये खबर भी पढ़ें : नवमतदाता युवा ही नए भारत के आधार: मनीष पाण्डेय

मौजूदा समय में रेल मिल के अंदर सुपरविजन करने के लिए चार्जमैन नहीं है। ज्ञात हो कि नॉन एग्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी लागू होने के बाद संयंत्र के अंदर लगभग सभी विभागों में चार्जमैन के पद समाप्त करते जा रहे हैं, जिस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant की जमीन का हो रहा सौदा, 30 हजार स्क्वायर फीट भूमि कब्जेदारों से बची, निर्माण ध्वस्त