Bhilai Steel Plant: पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन ने एक दिन में किया 4 मेगावाट बिजली का उत्पादन, टूटे पिछले रिकॉर्ड
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट-बीएसपी इस्पात के साथ ही बिजली उत्पादन भी करता है। आयेदिन कीर्तिमान रचने वाले बीएसपी ने अब बिजली उत्पादन में भी रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है। एक दिन में चार मेगा वाट बिजली उत्पादन का नया रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र के पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन (पीबीएस) ने औसत दैनिक पावर जेनरेशन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 10 जून को कोक ओवन बैटरी-11 के बैक प्रेशर टरबो जेनरेटर (बीपीटीजी), जिसे पावर एंड ब्लोईंग स्टेशन द्वारा प्रबंधित व प्रचालित किया जाता है। इस बैक प्रेशर टरबो जेनरेटर (बीपीटीजी) से पीबीएस टीम ने 3.84 मेगावाट बिजली उत्पादन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस कीर्तिमान के साथ 4 फरवरी को बनाए गए 3.80 मेगावाट बिजली उत्पादन के अपने पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।

विदित हो कि बैटरी-11 के 90 ओवन पुशिंग से पीबीएस टीम ने 3.84 मेगावाट बिजली बनाकर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन टीम ने मुख्य महाप्रबंधक राजीव पांडेय के कुशल नेतृत्व एवं महाप्रबंधक टरबाइन प्रभारी अभय कुमार और उनकी टीम के मार्गदर्शन में टरबाइन में कुछ माडिफिकेशन द्वारा यह सफलता प्राप्त की।
जानिए बैक प्रेशर टरबो जेनरेटर व सीडीसीपी के बारे में

-बैक प्रेशर टरबो जेनरेटर (बीपीटीजी) उन्नत टेक्नोलॉजी पर आधारित एक मशीन है, जो कि न केवल विद्युत उत्पादन करती है, बल्कि प्रोसेस स्टीम का भी उत्पादन करती है।
-इसका उपयोग विभिन्न विभागों जैसे स्टील मेल्टिंग शॉप, कोक ओवन व ब्लास्ट फर्नेस द्वारा अपने विभिन्न मशीनों को प्रचालित करने किया जाता है।
-बैटरी-11 के कोक को ठंडा करने के लिए नवीनतम तकनीक के प्रयोग किया गया है, जहां बाकी पुरानी बैटरियों में निकलने वाले कोक को ठंडा करने के लिए परंपरागत रूप से शुष्क शमन प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
-गर्म कोक को ठंडा करने के लिए पानी का उपयोग कूलिंग मीडिया के रूप में किया जाता है, जो न केवल बड़ी मात्रा में पानी की खपत करता है। शमन प्रक्रिया से उत्पन्न गर्म गैस को बिना किसी व्यावसायिक उपयोग के वातावरण में छोड़ दिया जाता है।
-वहीं, बैटरी-11 में प्रयुक्त तकनीक में जो एक स्वच्छ तकनीक है। इसमें गर्म कोक को ठंडा करने के लिए एक संलग्न प्रणाली में पानी के बजाय गैस का उपयोग करती है।
-बिजली बनाने के लिए गर्म गैस को पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। नतीजतन, बिजली के संरक्षण से पैसे की बचत होती है और CO2 और अन्य प्रदूषकों के कम उत्सर्जन से प्रदूषण कम होता है।
-कोक ड्राई कूलिंग प्लांट का उपयोग कर उच्च तापमान वायु से बायलर चलाए जाते है, जिसमे से निकलने वाले उच्च तापमान वाष्प की आपूर्ति बीपीटीजी में कर विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।