CITU Election Campaign: भिलाई स्टील प्लांट में होती थी सीपीएफ लोन और आवास आवंटन में दलाली, जानिए कर्मियों ने क्यों बोली ये बात…
सीटू पहुंचा एचआरडी और टीपीएल वर्कशॉप, कर्मचारियों का मिलता रहा समर्थन चुपचाप
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन-सीटू की टीम चुनावी मैदान में उतर चुकी है। एचआरडी और टीपीएल वर्कशॉप का दौरा किया। सीटू नेता ने कहा कि मुलाकात के दौरान कर्मियों से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। इस दौरान कर्मियों के साथ छोटी-छोटी बैठकें हुई। कई विषयों पर विस्तार से चर्चा भी हुई। कर्मियों ने स्वयं से ही सीटू के कार्यकाल में हुए कई कामों को गिनाया।
एक वरिष्ठ कर्मी ने कहा हम नहीं भूले है सीपीएफ लोन की दलाली को…
एक कर्मचारी ने कहा की सीपीएफ लोन निकालने में दलाली देनी पड़ती थी। लोन फॉर्म भरने के बाद भी किसी ना किसी बहाने से फॉर्म को वापस भेज दिया जाता था। बीच में ही दलाल सक्रिय हो जाते थे। कमीशन तय होने के बाद उसी फॉर्म पर कार्रवाई करके लोन पारित हो जाता था। चेक तभी हाथ में आता था जब निर्धारित कमीशन दे दिया जाता था। सीपीएफ लोन निकालने में होने वाली दलाली को सीटू के कार्यकाल में पूरी तरह से खत्म करवा दिया गया। अब कर्मी अपने मेहनत की कमाई में से जमा हो रहे सीपीएफ रकम में से जब लोन निकालते हैं तो उस लोन का एक-एक पैसा अपने आप 4 से 6 दिनों में बैंक खाते में चला जाता है। कहीं भी किसी किस्म की कोई दलाली नहीं देनी पड़ती है।

विलय पर टिप्पणी करने से इन्कार किया सीटू
बातों-बातों में एक कर्मी ने दो संगठनों के विलय होने एवं एक ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने के संदर्भ में सवाल पूछ लिया। इस पर सहायक महासचिव एसएसके पनिकर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि दो संगठन के विलय का मामला उन दोनों संगठनों के नेताओं एवं उनसे जुड़े कार्यकर्ता तथा सदस्यों का है। जिन्होंने भी यह निर्णय लिया है इसका जवाब वे ही देंगे। रही बात कर्मियों का तो कर्मी समझदार हैं। कर्मियों की समझदारी पर सवाल उठाना या उनको ना समझ समझना सिर्फ और सिर्फ हमारी नासमझी होगी। इसीलिए इस विलय के मुद्दे पर सीटू को कुछ भी नहीं कहना है।