- डीकार्बोनाइजेशन ट्रांजिशन को अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय अनुसंधान और विकास क्षमता का निर्माण भी किया जा सकेगा।
सूचनाजी न्यूज, नई दिल्ली। भारत में सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) (Steel producing company Steel Authority of India Limited (SAIL)) और अग्रणी वैश्विक संसाधन कंपनी बीएचपी (BHP) के बीच स्टीलमेकिंग डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया है।
यह साझेदारी भारत में ब्लास्ट फर्नेस रूट के लिए लो-कार्बन स्टीलमेकिंग टेक्नोलॉजी (Low-Carbon Steelmaking Technology) वाले तरीकों को बढ़ावा देने की दिशा में सेल और बीएचपी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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इस समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों पक्ष पहले से ही सेल के ब्लास्ट फर्नेस संचालन करने वाले एकीकृत इस्पात संयंत्रों (Integrated Steel Plants) में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जीएचजी) को कम करने की दिशा में विभिन्न रणनीतियों का आकलन करने वाले शुरुआती अध्ययन के साथ संभावित डीकार्बोनाइजेशन के अनुकूल विभिन्न वर्कस्ट्रीम्स की खोज कर रहे हैं।
ये वर्कस्ट्रीम ब्लास्ट फर्नेस के लिए हाइड्रोजन और बायोचार जैसे वैकल्पिक रिडक्टेंट्स की भूमिका पर विचार करेंगे ताकि डीकार्बोनाइजेशन ट्रांजिशन (Decarbonisation Transition) को अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय अनुसंधान और विकास क्षमता का निर्माण भी किया जा सके।
भारत और वैश्विक इस्पात उद्योग में मध्यम और दीर्घ अवधि के दौरान डीकार्बोनाइजिंग (Decarbonisation) को बढ़ावा देने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी को लागू करना और मौजूदा ब्लास्ट फर्नेस तकनीकी में कमी लाना महत्वपूर्ण है और इस अप्रोच के साथ ये साझेदारियां बेहद ज़रूरी हैं।
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सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा, “सेल बीएचपी के साथ इस समझौते को टिकाऊ तरीके से स्टील उत्पादन के विकास की दिशा में भविष्य की ओर एक बढ़ते कदम के रूप में देख रहा है।
इस्पात क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धताओं के साथ लेकर चलने की उभरती हुई आवश्यकतों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। सेल भारत में इस्पात उद्योग के लिए एक इनोवेटिव भविष्य को बढ़ावा देने के जरिये जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
बीएचपी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी, राग उड ने कहा “बीएचपी का सेल के साथ लंबे समय से एक मजबूत संबंध स्थापित है और हम ब्लास्ट फर्नेस रूट के लिए डीकार्बोनाइजेशन के अवसरों का पता लगाने की दिशा में अपने इस संबंध को और बढ़ाने तथा मजबूत करने के लिए बेहद खुश हैं। हम मानते हैं कि इस उद्योग को डीकार्बोनाइज करना एक चुनौती है, जिसे हम अकेले पूरा नहीं कर सकते हैं। हमें हमारी साझा विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाने के लिए एक साथ आना चाहिए, जिससे नई प्रौद्योगिकियों और क्षमता विकास को अपनाया जा सके। इससे मौजूदा समय के साथ-साथ आने वाले भविष्य के लिए भी कार्बन उत्सर्जन में वास्तविक बदलाव लाने की क्षमता बनाए रख सकें।”
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