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Big Breaking: Durg रेंज में तैनात होंगे फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट, इन जिलों के अपराध में आएगी कमी

Big Breaking: Durg रेंज में तैनात होंगे फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट, इन जिलों के अपराध में आएगी कमी
  • रेंज के जिलों में तैनात होंगे फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट।

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। दुर्ग रेंज (Durg Zone) के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों में फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट तैनात होंगे। दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) राम गोपाल गर्ग ने दुर्ग पुलिस रेंज के अधीन आने वाले सात जिलों के 64 फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को सर्टिफिकेट सौंपा। फॉरेंसिक साइंस के जरिए अपराध को नियंत्रित करने और क्राइम सीन पर वेरीफिकेशन में आसानी होगी।

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दुर्ग स्थित पुलिस लाइन में पांच दिनों तक फिंगर प्रिंट और फुटप्रिंट ट्रेनिंग में तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया। नवा रायपुर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर (PHQ) और दुर्ग IG राम गोपाल गर्ग के आदेश अनुसार दुर्ग के पुलिस अधीक्षक (SP) जितेंद्र शुक्ला के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अभिषेक झा के मार्गदर्शन में पुलिस लाइन के सभागार में पांच दिनों तक वर्कशॉप में ट्रेनिंग दी गई। वर्कशॉप में रेंज के दुर्ग और बालोद जिले के 64 कर्मी और अफसरों ने भाग लिया। वर्कशॉप 27 से 31 मई तक आयोजित की गई।

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वर्कशॉप में ट्रेनर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट कमलेश्वर सिंह, धमेन्द्र कुमार भारती मौजूद रहे। ट्रेनर्स द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों, संदेहास्पद व्यक्तियों और निगरानी बदमाशों के फिंगर प्रिंट तैयार करने के बारे में, घटना स्थल पर फिंगर प्रिंट को सुरक्षित रखने के तरीके, अज्ञात मृतक के टेन प्रिंट स्लिप का वेरीफिकेशन, फुटप्रिंट और नए टेक्नालॉजी से रिलेटेड ट्रेनिंग दिया गया।

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वर्कशॉप समापन पर दुर्ग IG रामगोपाल गर्ग ने कहा कि इस वर्कशॉप में तकनीकी प्रशिक्षण के बाद आप सभी फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट बन गए हैं। अब क्राइम सीन वेरीफिकेशन में क्रिमिनल को साइंटिफिक ढंग से साक्ष्य एकत्र कर सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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फिंगर प्रिंट एनालिसिस (विश्लेषण) करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा क्राइम सीन पर प्रिंट के एकत्रिकरण और उसके वेरीफिकेशन में बहुत मदद होगी। इस पहल से प्रकरणों को शॉटआउट करने में भी पुलिस को बहुत सहायता होगी। इसके बाद IG ने फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट्स को सर्टिफिकेट दिया गया।

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इस वर्कशॉप के द्वारा फिंगर प्रिंट सुरक्षित ढंग से रखने से आरोपी के बारे में तत्काल जानकारी मिल पाएगी। पहले आरोपी का फिंगर प्रिंट मैनुअली लिया जाता था। मिलान भी मैनुअली ही किया जाता रहा है। लेकिन अब फिंगर प्रिंट ऑनलाइन लिया जाएगा और उसकी मैचिंग भी ऑनलाइन तरीके से ही किया जाएगा। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट्स द्वारा मौजूद अफसरों, कर्मियों को साइंटिफिक विवेचना के लिए फिंगर प्रिंट से रिलेटेड विस्तृत से चर्चा की गई।

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इस वर्कशॉप का संचालन PHQ में फिंगर प्रिंट ब्यूरो लिनुस किस्पोट्टा, ASP अभिषेक झा, दुर्ग नगर पुलिस अधीक्षक और भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी (IPS) चिराग जैन, ट्रेनी IPS अक्षय प्रमोद सावद्रा, उप पुलिस अधीक्षक (DSP) अलेक्जेंडर किरो, दुर्ग रक्षित केन्द्र के निरीक्षक नीलकंठ वर्मा सहित दुर्ग रेंज के कई अफसर और कर्मी मौजूद रहे।

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