-बीएसपी में स्थाई प्रकृति के कार्य वाले ठेका श्रमिकों को मिले बेहतर वेतन एवं सुविधाएं
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के कार्यालय में कार्यकारिणी बैठक संजय साहू की अध्यक्षता में हुई। श्रमिकों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। कई ठेका कंपनियों द्वारा एडब्ल्यूए की राशि भी नहीं दी जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन एवं लाभार्जन से जुड़े सभी कार्य जिसे नियमित कर्मचारी करते थे जो स्थाई प्रकृति के हैं, उसे ठेका श्रमिकों द्वारा किया जा रहा
-एक ही विभाग में एक ही प्रकार के कार्य में अलग-अलग वेतन
भिलाई इस्पात संयंत्र के एसएमएस-2, एसएमएस 3, ब्लास्ट फर्नेस, वाटर सप्लाई, मिल्स, कोक ओवन में एक ही प्रकार के कार्य, इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल ऑपरेशन में अलग-अलग कंपनी द्वारा किया जाता है, जिसमें ठेका श्रमिकों को अलग-अलग वेतन दिया जाता है। एक कंपनी द्वारा सभी सुविधाएं दी जाती है। दूसरी कंपनी द्वारा एलपीपी में ठेका होने के कारण 320 रुपए, 350 रुपए ही दिया जाता है, जबकि काम दोनों का समान है।
-बीएसपी के ठेका पद्धति में सुधार से ही रुकेगा शोषण
उपाध्यक्ष के राजशेखर ने मांग किया कि भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेका पद्धति में सुधार होने से ही ठेका श्रमिकों को पूरा वेतन एवं सुविधा मिलेगी एलपीपी (अंतिम खरीदी मूल्य) में ठेका होने से अभी भी प्रति श्रमिक प्रतिदिन सभी सुविधाएं मिलकर 500 रुपए के आधार पर ठेका हो रहा है, जिससे श्रमिकों को 290 रुपया से साढ़े 300 तक उसे ठेके में वेतन दिया जा रहा है। एडब्ल्यूए, एवं अन्य सुविधाएं नहीं दी जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन वर्तमान इंजीनियरिंग एस्टीमेट के आधार पर ही ठेका पद्धति को लागू करें, जिससे श्रमिकों को पूरा वेतन एवं सुविधाएं मिल सके। जो ठेकेदार कम में ठेका लेते हैं उनकी पूरी वेतन प्रणाली एवं पूरे दस्तावेज की वास्तविक जांच की जाए।
-एनएसपीसीएल की तरह बीएसपी में हो ठेका पद्धति
उपाध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने कहा सेल एक महारत्न कंपनी है, ठेका श्रमिक नियमित कर्मचारियों की भांति सीधे उत्पादन और लाभार्जन में काम करते हैं। इन्हें सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता। इन्हें भी रात्रि भत्ता, साइकिल भत्ता, आवास भत्ता शिक्षा एवं बेहतर चिकित्सा व्यवस्था दिया जाए जिससे कि श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा एवं कुशल श्रमिक संयंत्र में लंबे समय तक कार्य कर सकेंगे, जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।
-ठेका श्रमिकों में बढ़ रहा है आक्रोश
उप महासचिव इंद्रमणि द्वारा मांग किया गया ठेका कंपनियों द्वारा ठेका श्रमिकों को कम वेतन दिया जाता है। सुरक्षा का सामान नहीं दिया जाता है, जिसकी शिकायत अधिकारियों से करने पर ठेका कंपनियों द्वारा या तो गेट पास वापस ले लिया जाता है यह तो काम से निकलने की धमकी दी जाती है। श्रमिकों का कहना है कि हम लोग संयंत्र के लिए काम करते हैं तो हमें पूरा वेतन एवं सुरक्षा का सामान मिलना चाहिए।
यह सुनिश्चित करना भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन का कार्य है। अधिकारियों से शिकायत करने पर या तो कम राशि में ठेका होना बताते हैं एवं वित्त विभाग द्वारा इंजीनियरिंग एस्टीमेट में ठेका नहीं होने का कारण बताते हैं, जिससे श्रमिकों में काफी आक्रोश है। और कभी भी यहां आंदोलन का रूप ले सकती है।
-जानिए अध्यक्ष संजय साहू ने कहा क्या
अध्यक्ष संजय साहू ने कहा कि सेल के उत्पादन में नियमित कर्मचारियों की तरह ठेका श्रमिकों का पूर्ण योगदान है। अधिकांश कार्य ठेका श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है। सभी विषयों को सेल प्रबंधन के संज्ञान में लाया जा रहा है। सेल प्रबंधन को राजहरा माइंस , की तरह यहां भी ठेका पद्धति में सुधार करना चाहिए। बैठक में सीपी वर्मा, के राजशेखर, दीनानाथ सिंह, आर दिनेश, मनोहर लाल, जसवीर सिंह, गुरुदेव साहू, रिखी राम साहू, कान्हा जयकुमार, नारायण, दमन लाल, बलराम वर्मा, कामता पटेल, दाऊ लाल साहू, सुरेश कुमार टंडन एवं अन्य कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।