सीटू के राष्ट्रीय नेता तपन सेन और ललित मोहन मिश्र ने कर्मचारियों को संबोधित किया।
सूचनाजी न्यूज, बर्नपुर। सेल कर्मचारियों के बोनस, बकाया एरियर, ग्रेच्युटी आदि विषयों को लेकर इस्को बर्नपुर स्टील के कर्मचारियों के बीच महामंथन किया गया। एबीके मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन (सीटू) और यूनाइटेड कॉन्ट्रैक्टर्स वर्कर्स यूनियन (सीटू) ने बर्नपुर भारती भवन में एक बैठक की।
मुख्य वक्ता सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन थे। सीटू के पश्चिम बर्धवान जिला महासचिव बंशगोपाल चौधरी और एसडब्ल्यूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्रा भी सभा को संबोधित किए हैं।
सभा कि अध्यक्षता ए.बी.के.मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन कि अध्यक्ष सुभाशीष बोस ने की। सीटू राज्य नेतृत्व पार्थ मुखर्जी, एनजेसीएस सदस्य और राज्य नेतृत्व बिस्वरूप बनर्जी, ए.बी.के.मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन (सीआईटीयू) के महासचिव सौरेन चटर्जी, यूनाइटेड कॉन्ट्रैक्टर वर्कर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव अशोक केओरा, अध्यक्ष प्रशांत घोष, एचएसईयू (डीएसपी) के महासचिव सीमांत चटर्जी, एचएसईयू (एएसपी) के महासचिव नबेंदु सरकार, कृषक सभा और कोयला मजदूर नेता प्रियब्रत सरकार और सुजीत भट्टाचार्य इसके अलावा, दीपायन रॉय, शिल्पी चक्रवर्ती, पूर्व श्रमिक नेता बिमल दत्ता, तरूण कांति भट्टाचार्य, दिलीप बनर्जी उपस्थित थे।
कर्मचारियों की नाराजगी की वजह
सेल के ठेका श्रमिकों का लंबे समय से शोषण, 2017 से स्थायी श्रमिकों का एनजेसीएस बकाया, इस वर्ष बोनस का कम भुगतान और सेल अधिकारियों का एकतरफा अड़ियल व्यवहार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का क्रूर शोषण और केंद्र-राज्य सरकार की परम मजदूर-किसान विरोधी नीति मेहनतकश लोग। आने वाले दिनों में इस जनविरोधी सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ संघर्ष और राजनीतिक संघर्ष का रास्ता क्या होगा, इस पर चर्चा की गई।
सेल प्रबंधन को चेतावनी
श्रमिक नेताओं ने कहा-अगर आने वाले दिनों में सेल ने अपनी मजदूर विरोधी नीति नहीं बदली तो सीटू सबसे बड़े आंदोलन एकल एवं संयुक्त आंदोलन को बाध्य होगी। कार्यकर्ताओं से और अधिक एकजुट होने का आह्वान किया गया। आने वाले दिनों में हड़ताल के अलावा कोई रास्ता नहीं है, इसलिए सभी कर्मचारियों को और अधिक एकजुट होना होगा।
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बर्नपुर से निकली ये मांग
• एनजेसीएस के सभी बकाया और पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बोनस का तुरंत भुगतान।
• SAIL-ISP का तत्काल विस्तार किया जाए।
• संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन 26 हजार तत्काल प्रदान किया जाए।
• संविदा कर्मियों को नौकरी की सुरक्षा।
• पश्चिम बंगाल में नया उद्योग लगाया जाए।
• सभी के लिए नौकरी।
• राज्य और केंद्र सरकार में सभी रिक्त पदों को तुरंत स्थायी कर्मचारियों से भर्ती।
श्रमिक नेताओं ने ये कहा…
सीटू पश्चिम बर्धमान जिला महासचिव बंस गोपाल चौधरी ने केंद्र ओर राज्य सरकार कि कड़ी आलोचना करते हुए कहा सेल प्रबंधन सरकार के इशारे पर खेल रहा है। आम वर्कर को मिलकर प्रबंधन पर दबाव बनाना होगा।
कोयला इंडस्ट्री की घटना सबके सामने है। मैनेजमेंट सरकारी नीति से पुष्टि लेता है, वहीं से बल मिलता है। प्रबंधन का जो हथकंडा है, वह जनता को भी नुकसान पहुंचा रही है। इसको रोकना यूनियन का काम है। इसके लिए कर्मचारियों को जागरूक कर रहे हैं। अगर, हम दबाव बना पाएंगे तो मैनेजमेंट भाव देगा।
स्टील इंडस्ट्री के निजीकरण को लेकर जब जब जरूरत पड़ी, सीटू सड़क पर उतरा। सेलम, एलॉय स्टील को बचाने के लिए जमीन पर लड़े, किसी को अंदर घुसने नहीं दिए।
सीटू के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद तपन सेन बोले…
तपन सेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के कर्मचारियों की नजर 39 महीने क बकाया एरियर पर टिकी हुई है। इसका कोई फैसला नहीं हो पाया। कर्मचारियों कि बोनस रकम भी घटा दिया है। मकान किराया भत्ता (HRA), रात्रि पाली भत्ता सहित बहुत सारे मामला पर अभी तक कई सुनवाई नहीं हुआ।
वेतन समझते कि एमओयू (MoU) पर सीटू ने साइन नहीं किया है और न ही वोनस समझते में। कुछ यूनियनों ने एकजुटता को तोड़कर होकर साइन कर दिया। यूनियनों में एकता न होने की वजह से एमओयू साइन हुआ है। यही हानिकारक है। जिन लोगों ने एमओयू पर साइन है, उन्होंने वर्करों के पैर पर कुल्हाड़ी मार दी है।
ललित मोहन मिश्र भी दहाड़े
सभा में उपस्थित स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SWFI) के महासचिव ललित मोहन मिश्र ने कहा, यह वक्त झगड़ा, तकरार, तू-तू-मैं-मैं और टांग खींचने का नहीं है।
सबको एकजुट होकर कर्मचारी हित में सड़क पर आना होगा। ताकत दिखानी होगी, तभी प्रबंधन भाव देगा। सीटू सबको एक साथ लाना चाहता है। लगातार पत्र लिख रहे और बाचतीत भी कर रहे हैं ताकि सब लोग एक मंच पर आ जाएं।