विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट को चार-चांद लगाने ईडी बीएल चांदवानी आए सामने, बीएसपी के सीजीएम से ईडी बने चांदवानी का पढ़ें पहला इंटरव्यू
सेल के 30 सीजीएम व सीजीएम इंचार्ज बने एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर। बीएल चांदवानी एकमात्र ईडी हैं, जिन्हें स्वतंत्र रूप से विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट चलाने की जिम्मेदारी दी जा रही है।सेल-भिलाई स्टील प्लांट से एक जुलाई 1989 से बीएल चांदवानी जुड़े। कोक ओवन की बैटरी नंबर-8 में बतौर एमटीटी कॅरियर की शुरुआत की।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के 30 सीजीएम व सीजीएम इंचार्ज एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बन गए। इन 30 नामों में बीएल चांदवानी भी हैं। भिलाई स्टील प्लांट के सीजीएम ओएचपी चांदवानी एकमात्र ईडी हैं, जिन्हें स्वतंत्र रूप से स्टील प्लांट का मुखिया बनाया गया है। भिलाई स्टील प्लांट से निकलकर चांदवानी अब विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट की कमान शनिवार तक संभाल लेंगे। गुरुवार को डायरेक्टर इंचार्ज से प्रमाण पत्र लेने के बाद वह विश्वेश्वरैया के लिए रवाना हो जाएंगे। हंसमुख मिजाज और जमीनी पकड़ रखने वाले बीएल चांदवानी का पहला इंटरव्यू सूचनाजी.कॉम में आप पढ़ने जा रहे हैं। सेल कारपोरेट आफिस से ईडी इंटरव्यू का रिजल्ट घोषित होते ही बीएल चांदवानी से सूचनाजी.कॉम ने बातचीत की।
सेल-भिलाई स्टील प्लांट से एक जुलाई 1989 से बीएल चांदवानी जुड़े। कोक ओवन की बैटरी नंबर-8 में बतौर एमटीटी कॅरियर की शुरुआत की। मेहनत करते रहे और सफलता मिलती गई। लेकिन कभी भी घमंड नहीं किया। यही वजह है कि उनका दफ्तर हर किसी के लिए हमेशा खुला रहा। वीआइपी कल्चर को न मानने वाले चांदवानी ठेका मजदूरों और खलासी के कंधे पर हाथ रखकर ठेठ अंदाज में बातचीत करते दिख जाएंगे। यही अदा हर किसी को प्रभावित करती है।
आफिस में किसी को इंतजार कराने की परंपरा को तोड़ दिया था। जो भी आया, दरवाजा खुला मिला। मुलाकात की। प्लांट से भिलाई की भलाई तक बीएल चांदवानी सक्रिय रहे। उन्होंन बताया कि बचपन से ही सामाजिक जिम्मेदारी में दिल लगता था, जो आज भी बरकरार है। 26 साल तक कोक ओवन में रहने का अनुभव स्टील मेल्टिंग शॉप तक पहुंचा। दो साल तक एसएमएस में रहने के बाद दल्ली-राजहरा, नंदिनी खदान तक सेवा का मौका मिला। बतौर एक्सपर्ट बीएसपी की खदानों का दौरा करते रहे।
इसके बाद साल 2017 में तत्कालीन सीईओ एम. रवि उन्हें ब्लास्ट फर्नेस लेकर आए। ब्लास्ट फर्नेस-7 की जिम्मेदारी दी गई थी। अपने काम की ऐसी छाप छोड़ी, कि प्रबंधन ने फर्नेस-1 से लेकर सात तक की जिम्मेदारी सौंप दी।
मैकेनिकल मेंटेनेंस में माहिर बीएल चांदवानी के समय ही साल 2017 में ब्लास्ट फर्नेस-6 की गैलरी ढह गई थी। उत्पादन करीब चार माह तक प्रभावित होना तय था। वैकल्पिक व्यवस्था की और उत्पादन को बहाल करा लिया। इस बात पर सेल प्रबंधन भी खुश हो गया था। विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट के परफॉर्मेंस और बेहतर करने पर फोकस होगा। मुनाफे में लाने के लिए हर संभव कोशिश और अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच बेहतर तालमेल बैठाने का दम भर रहे हैं। आपसी समन्वय से ही उत्पादन का ग्राफ बढ़ाने में विश्वास रखते हैं।