बीएमएस ने राउरकेला में फेंका था जूनियर इंजीनियर पदनाम का जुमला, इंटक बोला-जुमलेबाज यूनियनों से रहें सावधान!
अतिरिक्त महासचिव संजय साहू ने कहा कि आज बीएमएस यूनियन भिलाई इस्पात संयंत्र में मान्यता चुनाव को देखते हुए वेतनमान एवं 39 महीने के एरियर को रोकने का प्रयास कर रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील इम्प्लाइज यूनियन इंटक ने जनसंवाद कार्यक्रम के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-1 अस्पताल के कर्मचारियों से संवाद किया। उनकी समस्याओं पर चर्चा किया। महासचिव एसके बघेल ने कहा जिस यूनियन की केंद्र में सरकार है, वह यूनियन कर्मचारी हित में कार्य छोड़ कर कर्मचारियों के अहित में काम कर रही हैं। पहले एरियर रुकवाने का प्रयास किया और डिप्लोमा वाले कर्मचारियों को जूनियर इंजीनियर पदनाम कराने का जुमला फेंककर, राउरकेला इस्पात संयंत्र में चुनाव जीते थे, लेकिन इनकी सरकार और इनके मंत्री रहते हुए भी सिर्फ कर्मचारियों को यह लोग धोखा दिया।
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यह बीएमएस यूनियन जब एनजेसीएस की बैठक होती है तो सिर्फ विरोध करती है और बैठक से भाग जाती है, लेकिन ठेका श्रमिक के मुद्दे पर बैठक में जरूर बैठती है। आज इनके सरकार के द्वारा लगातार सीपीएफ का ब्याज दर कम किया जा रहा है। जनसंवाद कार्यक्रम में उप महासचिव अनिमेष पसीने, वरिष्ठ सचिव मानिक राम, जैनेंद्र उपसचिव बी श्रीनिवास राव, अवधेश कुमार जागेश्वर, मुसलय्या आदि प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सेक्टर-1 अस्पताल का हाल बेहाल
महासचिव एसके बघेल ने इंटक यूनियन की कोविड-19 संक्रमण काल के उपरांत 2 साल में किए गए कार्य एवं भविष्य में के लिए कार्य योजना पर चर्चा की। कर्मचारियों ने कहा sector-1 अस्पताल में पानी बहुत गंदा आता है, जिसकी कई बार शिकायत की गई है। फार्मेसी एवं अन्य कमरों में लगे एयर कंडीशन काम नहीं कर रहे हैं, जिसकी शिकायत बार-बार की जा चुकी है। मेडिकल के कर्मचारियों ने कहा कि सर्विसेस की तरह, 80% इंसेंटिव मिलना चाहिए। इंटक यूनियन लगातार कर्मचारी हित में काम कर रही है, जिससे कर्मचारियों के बहुत सारे विषय हल हो गए हैं। जल्द ही 39 महीने का एरियर चाहिए। नया वेतनमान जल्द लागू होना चाहिए।
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बीएमएस पर लगाए गंभीर आरोप
अतिरिक्त महासचिव संजय साहू ने कहा कि आज बीएमएस यूनियन भिलाई इस्पात संयंत्र में मान्यता चुनाव को देखते हुए वेतनमान एवं 39 महीने के एरियर को रोकने का प्रयास कर रही है। यह यूनियन आज तक श्रमिक हित में कोई कार्य किया है तो अपनी उपलब्धि बताए। बीएमएस समर्थित यूनियन की सरकार लगातार फायदे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेच रही है। चुनाव आते ही इनको श्रमिक हित याद आने लगता है। इसके पहले 2 साल तक नदारद रहते हैं। अभी भी यह यूनियन सरकार से मिलकर वेतन समझौते को लंबा खिंचवाना चाह रही है।
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