BSP Accident: डीजीएम मैकेनिकल रमेश सस्पेंड, जांच के बाद पुलिस करेगी एफआइआर, मजदूर की पत्नी को मिला अनुकंपा नियुक्ति पत्र
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस-7 एसजीपी में हादसा, आग में झुलसकर एक मजदूर की मौत, दूसरा जख्मी, फायर ब्रिगेड ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन, बीएसपी ने छह सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। कमेटी के चेयरमैन सीजीएम कांट्रैक्ट सेल वर्क्स एमके राणा हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के एसजीपी में धमाका और आग की चपेट में आने से जान गंवाने वाले ठेका मजदूर राहुल उपाध्याय की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र प्रबंधन ने सौंप दिया है। बगैर किसी विवाद के ही इस बार परिवार और प्रबंधन के बीच सहमति बनी। वहीं, मुआवजा की राशि काे लेकर ठेकेदार से बातचीत का दौर जारी है। वहीं, ठेका कंपनी की तरफ से 2 लाख का चेक, 1 लाख नकद व पेंशन मिलने या जॉब मिलने तक न्यूनतम वेतन देने पर लिखित सहमति बनी है। इसके बाद श्रमिक परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।

दूसरी ओर बीएसपी प्रबंधन ने हादसे के लिए डीजीएम मैकेनिकल केएसएनआर रमेश को जिम्मेदार मानते हुए सस्पेंड कर दिया है। छह सदस्यीय जांच कमेटी चेयरमैन सीजीएम कांट्रैक्ट सेल वर्क्स एमके राणा हैं। आरोप है कि डीजीएम के सुपरविजन में जॉब हो रहा था, लापरवाही बरती गई। इस कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है। वहीं, भट्ठी थाना की पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है। इसके बाद ही आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि मृतक की पत्नी रमा उपाध्याय को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपा गया है। बीएसपी आइआर विभाग के अधिकारी सुबह नौ बजे ही मरच्यूरी पहुंच चुके थे। अस्पताल में सीटू ठेका यूनियन के महासचिव योगेश कुमार सोनी, कांग्रेस नेता अरुण सिंह सिसोदिया आदि मौजूद हैं। बीएसपी के आइआर विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए कागजी प्रक्रिया को समय से पहले ही कर लिया था। मृतक मजदूर की पत्नी का नाम नॉमिनी में नहीं जुड़ा था, जिसे रातों-रात सही कराया गया। वहीं, जख्मी मजदूर परमेश्वर के पेपर में भी खामियां पाई गई। इसे भी सही कर लिया गया है ताकि मजदूर को किसी तरह के लाभ से वंचित न होना पड़े।

एसपीजी-स्लैग ग्रेनुलेशन प्लांट में कैपिटल रिपेयर के दौरान हादसा
भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस-7 के एसपीजी-स्लैग ग्रेनुलेशन प्लांट में कैपिटल रिपेयर के दौरान हादसा बुधवार को हुआ है। दो ठेका मजदूर चपेट में आ गए। एक मजदूर बुरी तरह से झुलस गया, जबकि दूसरे की मौत हो गई है। 90 प्रतिशत झुलसे मजदूर को मेन मेडिकल पोस्ट में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार के बाद सेक्टर-9 अस्पताल रेफर कर दिया गया है। इधर, फर्नेस में फंसे पुरैना निवासी 32 वर्षीय मजदूर राहुल उपाध्याय को बाहर निकलने के लिए पूरी कोशिश की जा रही थी। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर करीब 13 मीटर नीचे उतरे, लेकिन मजदूर को बचाया नहीं जा सका। बुरी तरह से झुलसने की वजह से राहुल की मौत हो चुकी है। शव को किसी तरह बांधकर बाहर निकाला गया।

जानिए क्या हुआ था कार्यस्थल पर
बताया जा रहा है कि अमन कंस्ट्रक्शन के 2 ठेका मजदूर वेल्डिंग कार्य में लगे थे, तभी हादसा हुआ है। शिवाजीनगर निवासी 25 वर्षी ठेका मजदूर परमेश्वर को मेन मेडिकल पोस्ट में प्राथमिक उपचार के बाद सेक्टर-9 अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। चेंबर में वेल्डिंग का काम परमेश्वर सिक्का और राहुल उपाध्याय कर रहे थे। अचानक से आग लगने की वजह से परमेश्वर सेफ्टी बोल्ट खोलकर बाहर आ गया, तब तक झुलस चुका था। वहीं, राहुल उपाध्याय सेफ्टी बेल्ट पहीं खोल सका। जिसकी वह अंदर ही फंस गया। फर्नेस के अंदर आग और धुआं से कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। धुआं हटाने की कोशिश की जा रही थी ताकि अंदर से राहुल को बाहर निकाला सके। किसी तरह दमकल कर्मी फर्नेस के अंदर उतरे तो वहां राहुल का शव पड़ा मिला।

जानिए क्या कहना है बीएसपी प्रबंधन का…
बीएसपी जनसंपर्क विभाग का कहना है कि ब्लास्ट फर्नेस-07 को 18/08/2021 को बंद कर कैपिटल रिपेयर में लिया गया था। कैपिटल रिपेयर के दौरान एसजीपी के एयर लिफ्टिंग चेंबर नं. 2 में मैसर्स अमन कंस्ट्रक्शन के 2 कर्मचारियों द्वारा वेल्डिंग का कार्य किया जा रहा था। दोपहर करीब 12 बजे अचानक आग का भबका उठा। जिससे कार्यरत श्रमिक झुलस गया। परमेश्वर सिक्का, 26 वर्ष, को मुख्य चिकित्सा पोस्ट में लाया गया और उन्हें तुरंत उपचार के लिए संयंत्र की मुख्य चिकित्सालय जेएलएन हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। 32 वर्षीय राहुल उपाध्याय को संयंत्र के मुख्य चिकित्सा पोस्ट लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फर्नेस विगत 8 महीने से बंद होने के बावजूद आग उठने के कारणों की जांच की जा रही है।
ठेका मजदूरों की मौत जांच का विषय
इधर, ठेका मजदूरों की माैत पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सीटू ठेका यूनियन के महासचिव योगेश कुमार सोनी का कहना है कि हादसों में ठेका मजदूर चपेट में आ रहे हैं। देखा गया है कि करीब 70 प्रतिशत ठेका मजदूर ही हादसों का शिकार हो रहे हैं। कहीं न कहीं कोई चूक हो रही है। समुचित ट्रेनिंग का अभाव साफ नजर आता है। खतरनाक काम करने वाले ठैका मजदूरों को जिस तरह से ट्रेनिंग की जरूरत है, वह नहीं दी जाती है। इस वजह से वह आयेदिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस पर बीएसपी प्रबंधन से यूनियन जरूरत सवाल करेगी। आखिर ठेका मजदूरों की जान जोखिम में कब तक डाली जाएगी। हादसों ने सबको विचलित करके रखा हुआ है। सेल की तमाम इकाइयों में ठेका श्रमिकों के दुर्घटना में शिकार होने की तादाद ज्यादा है। लगभग आधे से ज्यादा कुशल, अकुशल कार्य ठेका श्रमिकों के कंधों पर है। कम वेतन व अधिक मुनाफे के लिए ठेकेदार पुराने अनुभवी मजदूरों की छंटनी कर नए श्रमिकों से काम लेते हैं। इसे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ा जाती है।