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BSP Accident: मजदूर की मौत पर बवाल, जूनियर आफिसर-BMS नेता में हाथापाई, पहुंची पुलिस

BSP Accident: मजदूर की मौत पर बवाल, जूनियर आफिसर-BMS नेता में हाथापाई, पहुंची पुलिस

जूनियर अधिकारी का कहना था कि बारले को जांच कमेटी बयान देने के लिए बुला रही है। लेकिन, एनपी बारले बयान देने ही नहीं जा रहे हैं। इसी बात को समझा रहे थे। हाथापाई जैसा कुछ भी नहीं हुआ है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट से हैरान करने वाली खबर आ रही है। एसपी-3 में मजदूर की मौत को लेकर हो रही जांच रिपोर्ट आने से पहले बवाल हो गया है। जूनियर आफिसर और कर्मचारी आपस में ही भिड़ गए हैं। एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। हाथापाई तक हो गई। धक्का-मुक्की से हड़कंप मच गया।

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बीएमएस के विभागीय नेता ने पुलिस को बताया कि जूनियर आफिसर ने उनके साथ मारपीट की है। अपशब्दों का प्रयोग किया है। इस बात की शिकायत भट्‌ठी थाना में लिखित रूप से की गई है।

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आरोपित अधिकारी अशोक ठाकरे से पूछताछ के लिए पुलिस प्लांट पहुंची और प्रत्यक्षदर्शियों से बयान लिया। पूरी तरह से मामला संदिग्ध लगने की वजह से पुलिस ने 155 के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट जाने की सलाह दे दिया है। कोर्ट के आदेश पर ही अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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ठेका मजदूर की हो चुकी है मौत

दो दिन पूर्व बीएसपी के एसपी-3 में करीब तीन मंजिल ऊंचाई से गिरने की वजह से जख्मी मजदूर की मौत हो चुकी है। इसकी जांच चल रही है। बयान के लिए वैंटीलेशन ग्रुप के कर्मचारी एनपी बारले को बुलाया जा रहा है। इसी बात को लेकर जूनियर आफिसर अशोक ठाकरे कर्मचारी एनपी बारले को समझा रहे थे। तकरार हो गई और मामला इतना तूल पकड़ लिया कि हाथापाई तक हुई।

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भट्‌ठी थाना की पुलिस ने ये बताया

भट्‌ठी थाना के टीआई ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि शिकायतकर्ता एनपी बारले का कहना है कि जांच कमेटी में जबरन बयान देने के लिए अशोक ठाकरे मेरे ऊपर दबाव बना रहे थे। कुछ चुनिंदा शब्दों का ही प्रयोग करने के लिए बार-बार बोल रहे थे।

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वहीं, जूनियर अधिकारी का कहना था कि बारले को जांच कमेटी बयान देने के लिए बुला रही है। लेकिन, एनपी बारले बयान देने ही नहीं जा रहे हैं। इसी बात को समझा रहे थे। हाथापाई जैसा कुछ भी नहीं हुआ है। न ही कोई गवाह है। दो जांच में बयान देने तक बारले नहीं गए।

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टीआई का कहना है कि मारपीट का कोई सबूत नहीं दिख रहा है। असंघीय अपराध की श्रेयी में यह केस है। इसलिए कोर्ट जाने की सलाह दी गई है। वहीं, पूरे मामले पर जूनियर आफिसर अशोक ठाकरे और बीएमएस नेता एनपी बारले का पक्ष लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया। जैसे ही इनका पक्ष आएगा, खबर अपडेट की जाएगी।

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