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BSP आवास आवंटन धांधली: कर्मचारी ने रिटेंशन पर आवास लिया ही नहीं, लेकिन सिस्टम में इंट्री, रोक दी पेंशन

BSP आवास आवंटन धांधली: कर्मचारी ने रिटेंशन पर आवास लिया ही नहीं, लेकिन सिस्टम में इंट्री, रोक दी पेंशन
  • राजहरा माइंस में कार्य करके 30 अप्रैल 2023 को रिटायर हुए प्रशांत कुमार गुरव जब पेंशन फंड के मद में जमा रकम लेने के लिए इम्प्लाइ सर्विसेज विभाग सेक्टर 5 पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम से रिटेंशन का क्वार्टर चढ़ा हुआ है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट पर आवास आवंटन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसने आवास आवंटित कराया ही नहीं, उसके नाम पर आवंटन का आदेश जारी कर दिया गया है। यह मामला रिटेंशन को लेकर है। पीड़ित कर्मचारी ने यह मामला सीटू नेताओं के संज्ञान में लाया है। जिम्मेदार विभागों के रवैये को लेकर खासा नाराजगी जाहिर की गई है।

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सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई जारी रहने से, अस्पताल में इलाज चलते रहने से या नया मकान बनाते रहने जैसे तीन कारणों को पड़ताल करके प्रबंधन सेवानिवृत्त पश्चात कर्मी को रिटेंशन पर क्वार्टर देता है। परंतु वे कर्मी क्या करें, जिन्होंने रिटेंशन में आवास लिया ही नहीं किंतु उनके नाम पर रिटेंशन का मकान दिखाने के कारण पेंशन फंड का पैसा एंप्लाइज सर्विसेस विभाग से निकाल नहीं पा रहे हैं।

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15 दिन से चक्कर कटवा रहे हैं अधिकारी

राजहरा माइंस में कार्य करके 30 अप्रैल 2023 को रिटायर हुए प्रशांत कुमार गुरव जब पेंशन फंड के मद में जमा रकम लेने के लिए इम्प्लाइ सर्विसेज विभाग सेक्टर 5 पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम से रिटेंशन का क्वार्टर चढ़ा हुआ है, जिसके चलते वह पैसा नहीं निकाल सकते। लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने ना तो रिटेंशन में क्वार्टर लिया और ना ही इस आशय का कोई आवेदन प्रबंधन को कभी भी दिया गया है।

अब जबकि उनके नाम से चढ़ा हुआ रिटेंशन आवास को कटवाने के लिए नगर सेवाएं विभाग जाते हैं तो वहां अधिकारी एक टेबल से दूसरे टेबल चक्कर कटवाते हैं। चार-5 बार चक्कर कटवाने के बाद अब नगर सेवाएं विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि हमने टिकट जनरेट कर दिया है सीएंडआईटी के अधिकारी इस रिटेंशन को हटा पाएंगे।

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नुकसान की भरपाई कौन करेगा बताएं प्रबंधन

कर्मी नौकरी में रहे या सेवानिवृत्त हो जाए उनके मेहनत का एक एक पैसा मूल्यवान है। किंतु इसका मूल्य तब और बढ़ जाता है जब कर्मी सेवानिवृत्त हो जाता है। उसके हर माह मिलने वाली तनखां बंद हो जाती है। अंतिम भुगतान के रूप मे मिली रकम को ही अलग-अलग जगह निवेश कर उस पर मिलने वाले पैसे से अपना जीवन गुजारता है। ऐसे में यदि प्रबंधन अपनी गलती के चलते कर्मचारियों को चक्कर कटवाए एवं वक्त पर उसका पैसा ना दिलवा पाए तो उस पैसे पर मिलने वाले ब्याज आदि का नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

क्योंकि प्रबंधन तरह-तरह के कारण बताकर कर्मियों का पैसा तो रोक लेता है। किंतु उनका पैसा वापस करते समय रुके हुए समय का ब्याज नहीं देता है, जो कि सेवानिवृत्त साथी के साथ अन्याय पूर्वक घटना है, जिसको स्वयं संज्ञान लेकर उच्च प्रबंधन को जवाब देना चाहिए।

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अपने ही पेपरों को नकार रहा है प्रबंधन

सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी का कहना है कि आवास खाली करने संबंधी वेकेशन रिपोर्ट प्रशांत के पास में मौजूद है। राजाहरा के कार्मिक विभाग एवं हाउस एलॉटमेंट विभाग में पूरी कार्यवाही कर आवश्यक कागजात प्रशांत को दे दिया है, जिसके आधार पर उनका फाइनल पेमेंट सेवानिवृत्त होने वाले दिन ही कर दिया गया है।

किंतु मजाक यह है कि क्वार्टर वेकेशन रिपोर्ट होने के बावजूद भी क्वार्टर के रिटेंशन में रहने की बात कंप्यूटर में दिखा रहा है, जिसके चलते वे पेंशन का फंड नहीं निकाल पा रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं। इस तरह दो विभागों के आपसी समन्वय नहीं होने का खामियाजा कर्मी भुगत रहे हैं।