- जबरदस्त घेराबंदी की, जिसके कारण प्रथम पाली में दल्ली खदान का उत्पादन नहीं हो सका। अन्य खदानों में भी उत्पादन बुरी तरह प्रभावित रहा।
- प्रबंधन के रवैया से क्षुब्ध होकर श्रमिकों ने आज खदान के विभिन्न विभागों का कामकाज ठप कर, दल्ली माइंस के गेट को जाम कर दिया।
सूचनाजी न्यूज, राजहरा। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के आयरन ओर माइंस दल्ली राजहरा (Iron Ore Mines Dalli Rajhara) में शनिवार को सुबह से खूब हंगामा हुआ। खदान के ठेका श्रमिकों की 13 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 5 महीने से संघर्षरत सीटू और सीएमएसएस व एटक अध्यक्ष के ठेका श्रमिकों ने प्रबंधन के रवैया से आक्रोशित होकर शनिवार को खदान का कामकाज ठप कर दिया। हंगामा बढ़ते देख प्रबंधन हरकत में आया और यूनियन की मांगों को स्वीकार कर लिया। जैसे-तैसे कामकाज दोबारा शुरू कराया जा सका।
उल्लेखनीय है कि खदान में कार्यरत लगभग 1900 ठेका कर्मियों (Contract Workers) की विभिन्न समस्याओं को लेकर तीनों यूनियनों के अध्यक्षों ने एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन मार्च महीने में प्रबंधन को सौंपा था। इस ज्ञापन में श्रमिकों को समयबद्ध अपग्रेडेशन (Upgradation) देने, समान काम समान वेतन, पूर्व सहमति के अनुसार चिकित्सा सुविधा (Medical Service) लागू करने, कम दर पर ठेका लेने वाले एवं समय पर भुगतान न करने वाले ठेकेदारों पर बैन लगाने, ठेका श्रमिकों को ग्रेच्युटी भुगतान करने जैसी 13 मांगे शामिल की गई थी।
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इन मांगों पर 6 जुलाई को विशाल प्रदर्शन कर पुनः प्रबंधन को स्मरण पत्र दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने इन मांगों का निराकरण करने में कोई रुचि नहीं दिखाई । जिसके चलते खदान के श्रमिक बेहद आक्रोशित थे। अंत: प्रबंधन के रवैया से क्षुब्ध होकर श्रमिकों ने आज खदान के विभिन्न विभागों का कामकाज ठप कर, दल्ली माइंस के गेट को जाम कर दिया।
जबरदस्त घेराबंदी की, जिसके कारण प्रथम पाली में दल्ली खदान का उत्पादन नहीं हो सका। अन्य खदानों में भी उत्पादन बुरी तरह प्रभावित रहा। प्रबंधन ने श्रमिकों के कड़े तेवर को देखते हुए आनन फानन में यूनियन नेताओं के साथ दो दौर की बड़ी बैठक की। पहले दौर की बैठक दल्ली माइंस के महाप्रबंधक पी एम सिरपुरकर के साथ संपन्न हुई। जिसमें दल्ली माइंस में गलत तरीके से प्रारंभ किए गए ठेका को तत्काल रोकने पर सहमति बनी।
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दूसरे दौर की बैठक सीजीएम कॉन्फ्रेंस (CGM Conference) साल में सम्पन्न हुई। जिसमें ईडी माइंस बीके गिरी, सीजीएम आईओसी आरबी गहरवार, खदान के तमाम उच्च अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में 13 सूत्रीय मांगों पर चर्चा करते हुए प्रबंधन ने खदान के श्रमिकों के अपग्रेडेशन के लिए यूनियन के सुझाव के अनुसार सिस्टम बनाने पर सैद्धांतिक सहमति दी है। मेडिकल सुविधा जल्द से जल्द चालू करने का ठोस आश्वासन दिया गया।
प्रबंधन ने बताया कि ठेका श्रमिकों के ग्रेच्युटी का भुगतान प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन जिन ठेकों में टी एल नहीं काटा है उनमें भी ग्रेजुएटी भुगतान करने पर सहमति बनी है। सभी ठेकों में डीए डिफरेंस की राशि का भुगतान एक साथ एक मुफ्त करने पर प्रबंधन सहमत हुआ है। इसी तरह समय पर भुगतान न करने वाले ठेकेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई करने पर भी प्रबंधन ने सहमति व्यक्ति की है।
हितकसा डैम के शेष 46 श्रमिकों के रोजगार की व्यवस्था पर भी प्रबंधन से गंभीर चर्चा हुई और प्रबंधन ने रोजगार की निरंतरता के लिये रास्ता बनाने पर सहमति दी है। सीजीएम कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठक के दौरान ईडी माइंस सीजीएम आईओसी आर बी गैहरवार, जीएम चिंताला श्रीकांत, जीएम पी एम सिरपुरकर,जीएम सुकान्तो मंडल,माइंस मैनेजर पंकज कुमार, कार्मिक विभाग से डॉक्टर जे एस बघेल, जोत कुमार, सिकंदर इंदौरिया, समस्त लेबर वेलफेयर ऑफीसर, यूनियन की ओर से एटक से राजेंद्र बेहरा, मुकुल वर्मा, सीटू से प्रकाश सिंह क्षत्रिय, पुरुषोत्तम सिमैया, ज्ञानेंद्र सिंह, बीएल रोकड़े, मानसिंह कनवर, सीएमएसए से सोमनाथ उइके, रामचरण नेताम, शैलेश, सुरेंद्र इत्यादि उपस्थित रहे।
बैठक समाप्त होने के बाद दल्ली माइंस गेट पर ठेका श्रमिकों की विशाल आम सभा कर हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई। इस अवसर पर हडताल को पूर्ण समर्थन दे रहे पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर ने कहा कि आईओसी राजहरा (IOC Rajhara) में ठेका सिस्टम को बिगाडने का प्रयास करने वाले लोगों के खिलाफ भविष्य में भी ठेका श्रमिक डटकर खड़े होंगे तथा अपनी मांगों को हर हाल में हासिल करेंगे।