BSP Sports Summer Camp Live: खेल के मैदान में प्रतिभाओं की ढलाई, बेहतर प्लेयर बनने सबने नींद भगाई, देखें तस्वीरें…
खेल के मैदान की लाइव रिपोर्ट लिखने के मकसद से पहुंचे सूचनाजी.कॉम ने संस्कार भी देखे। गर्ल्स बास्केटबॉल ग्राउंड पर कोच सरजीत कुमार चक्रवर्ती और ब्यॉयज ग्राउंड पर कोच आरएस गौड मोर्चा संभाले थे।
अज़मत अली, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में इस्पात की और खेल के मैदान में प्रतिभाओं की ढलाई हो रही है। एक दो नहीं बल्कि हजारों बच्चों को मैदान में पसीना बहाते आप भी देख सकते हैं। इन बच्चों ने भिलाई की सुबह को खेल के नाम कर दिया है। सूचनाजी.कॉम मंगलवार भोर में सेक्टर-1 स्पोर्ट्स ग्राउंड पहुंचा। कोई वॉर्म-अप तो कोई दौड़ लगा रहा था। पांच से सात साल तक के बच्चे भी छह नंबर की बॉस्केटबॉल की गेंद को लेकर ड्रिब्लिंग करते नजर आए। ग्राउंड के बाहर उनके मम्मी-पापा भी अपने लाल की प्रतिभा को कैमरे में कैद करते रहे।

खेल के मैदान की लाइव रिपोर्ट लिखने के मकसद से पहुंचे सूचनाजी.कॉम ने संस्कार भी देखे। गर्ल्स बास्केटबॉल ग्राउंड पर कोच सरजीत कुमार चक्रवर्ती और ब्यॉयज ग्राउंड पर कोच आरएस गौड मोर्चा संभाले थे। घड़ी की सुई 5.30 बजे पहुंच चुकी थी। बच्चों का आने का सिलसिला शुरू हो चुका था। गुरुजी से बकायदा हाथ मिलाने के बाद चरण स्पर्श भी बच्चे कर रहे थे। खेल भावना का भी सबूत दिया। पहले से प्रैक्टिस करने वाले बच्चों के पीछे लाइन में लगते गए ताकि आगे वालों को कोई तकलीफ न हो सके।

घड़ी में छह बजते ही कोच ने सीटी बजाई और ताली पीटते हुए सबको पास बुलाया। हौसला बढ़ाया और टिप्स दिए। ग्राउंड को छह-सात चक्कर लगाने के बाद बच्चों को वॉम-अप के लिए खड़ा किया गया। पूरे ग्राउंड में बच्चे फैल चुके थे। एक साथ हाथ खोलने, थ्रो करने और फुटवर्क के लिए वॉम-अप करने का नजारा भी दिखा। महिला कोच अंकु अंबिलकर, रागिनी झा एक-एक बच्चों पर नजर रख रही थीं।

रागिनी झा सीनियर प्लेयर पर फोकस की थीं और अंकु समर कैंप के बच्चों की प्रतिभा निखार रहीं थीं। बास्केटबॉल के समर कैंप में 127 बच्चों का जमावड़ा किसी टूर्नामेंट से कम नहीं नजर आया। जोश से लबरेज बच्चे ड्रिब्लिंग के साथ ही क्रॉस ओवर बिहाइंड, टू मैन पासेस, चेस्ट पास, ओवर हेड पास और बाउंस पास का प्रदर्शन कर सबकी नजरें अपनी ओर खींचने मे कामयाब रहे।

खास यह कि इन बच्चों के मनोरंजन का भी ध्यान रखा जा रहा है। जुम्बा और योगा भी कराया जाता है। खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए कई दांव-पेंच भी सिखाए जा रहे थे। बच्चे फेक शॉट पर भी मेहनत करते नजर आए ताकि सामने वाले खिलाड़ियों को कन्फ्यूज किया जा सके। खेल को जीतने का हूनर इन बच्चों को सिखाया जा रहा है ताकि हौसला बढ़े। समर कैंप के बच्चों के सामने सीनियर प्लेयर बॉल को बास्केट में डालने का हूनर सिखाते रहे। इससे नए खिलाड़ियों में उत्सकुता बढ़ती नजर आई।

इधर-फुटबॉल ग्राउंड में कोच भास्कर और हरीश जी ने मोर्चा संभाल लिया था। यहां छोटे-छोटे बच्चे भी फुटबॉल के लिए पसीना बहाते रहे। ग्राउंड में पहुंचते ही सबसे पहले फुटबॉल का ड्रेस पहना और ग्राउंड में भागते हुए पहुंचे।

लाइन में लगे और अपनी अटेंडेंस खुद ही एक तरफ से देने लगे। इसके बाद सबसे छोटे बच्चों से शुरुआत हुई और फिर बड़े बच्चे ग्राउंड को चारों तरफ से घेर लिया और खेल का हूनर दिखाते रहे।
