BSP Union Election 2022: जुलाई में रिटायर होने वाले कर्मी भी डाल सकेंगे 22 बूथों पर वोट, तकरीबन 12800 वोटर चुनेंगे मान्यता प्राप्त यूनियन
श्रम मंत्रालय ने दी भिलाई स्टील प्लांट में चुनाव को मंजूरी, 23 को बैठक, 20 जुलाई के बाद डाले जाएंगे वोट
अज़मत अली, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में मान्यता प्राप्त यूनियन चुनाव कराने को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति डिप्टी सीएलसी रायपुर को दे दी है। इसका पत्र भिलाई स्टील प्लांट को जारी कर दिया गया है। डिप्टी सीएलसी रायपुर की ओर से जारी पत्र की पुष्टि बीएसपी ने की है। इसी के साथ चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो गई।
डिप्टी सीएलसी ने 23 जून को एक बैठक बुलाई है, जिसमें बीएसपी प्रबंधन शामिल होगा। इसके बाद चुनाव की तारीख घोषित की जाएगी। माना जा रहा है कि 20 जुलाई के बाद वोटिंग होगी। आचार संहिता लगने की तारीख तक इनरोल कर्मचारी वोट डाल सकेंगे। अगर, 23 तारीख की बैठक में आचार संहिता की घोषणा कर दी जाती है तो जुलाई में रिटायर होने वाले कर्मचारी मतदाधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। बीएसपी में करीब 12800 कर्मचारी इस बार चुनाव में हिस्सा लेंगे। 22 बूथों पर मतदान होगा। न्यूनतम 500 और अधिकतम 1000 कर्मचारियों पर एक बूथ बनाए जाएंगे। प्लांट के बाहर बीटीआई, भिलाई विद्यालय और टीपीएल में बूथ बनाया जाएगा।
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जानिए 2019 के चुनाव में किसे-कितना मिला वोट
4447: इंटक
3840: सीटू
1879: बीएमएस
1663: इस्पात श्रमिक मंच
1370: बीएसपी वर्कर्स यूनियन
472: एचएमएस
200: स्टील वर्कर्स यूनियन
156: लोइमू
93: एटक
40: एक्टू
14150: कुल वोट
यूनियनों को चुनावी तैयारी का मौका दिया जाएगा। साथ ही बीएसपी मतदान प्रक्रिया को शुरू कर देगी। आचार संहिता घोषित की जाएगी। चुनाव प्रचार की गाइडलाइन पर अमल कराया जाएगा। उल्लंघन करने वाली यूनियनों पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। फिलहाल, चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही सभी यूनियनों ने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। जनसंपर्क अभियान प्लांट से टाउनशिप तक चलाया जा रहा है। वर्तमान में मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक है। इंटक ने लगातार दो बार मान्यता में रही सीटू को हराकर चुनाव जीता था।
भिलाई स्टील प्लांट में करीब 12 हजार वोटर मतदाधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव में सीटू, इंटक, एचएमएस, बीएमएस, बीएसपी वर्कर्स यूनियन, एटक, एक्टू, लोकतांत्रिक इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन-लोइमू, इस्पात श्रमिक मंच हिस्सा लेगी। चुनावी समीकरण बनाने और बिगाड़ने लिए यूनियनों ने हर तरह का हथकंडा अपनाना शुरू कर दिया है। एक साथ मिल-बैठकर चाय की चुस्की लेने वाले भी मौजूदा हालात को देखते हुए सियासी तीर चला रहे हैं। एक-दूसरे की बखिया उधेड़ी जा रही है। चुनावी आंकड़ों को नजर में रखकर सियासी रहनुमा की चौखट पर हाजिरी तक लगाई जा रही है ताकि प्रचार अभियान में कोई कोर कसर न रह जाए।
वहीं, कर्मचारियों के मुद्दे की बात की जाए तो फेहरिस्त काफी लंबी है। वेतन समझौता के लिए एमओयू साइन होने के बाद भी पे-स्केल पर अमल नहीं और एरियर का भुगतान नहीं किया जा सका है। इस बात को लेकर कर्मचारियों में प्रबंधन के खिलाफ खासा आक्रोश है। वहीं, इस मुद्दे को भुनाने के लिए हर यूनियनों ने अपने-अपने तरीके से दांव खेला है। कोई पक्ष में तो कोई विपक्ष में चाल चल रहा है।
इधर-पुराने आंकड़ों की बात की जाए तो इस बार कइयों का समीकरण बिगड़ सकता है। पिछली बार युवा कर्मचारियों का समर्थन मिलने की वजह से आंकड़ा हजार को पार कर गया था। इसी आंकड़ों को और आगे बढ़ाने के लिए सियासी मदद भी ली जा रही है। अब देखना यह है कि कितना फायदा मिलता है या नहीं। वहीं, एटक, एक्टू और लोकतांत्रिक इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन ने भी अपने पक्ष में वोटरों को करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी है। सेल प्रबंधन की पॉलिसी और कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती के विषय पर चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं।
इधर-दो बार मान्यता में रह चुकी सीटू के पदाधिकारियों का कहना है कि खामोशी से प्रचार अभियान चलाया जाता है। न कोई शोर शराबा और न ही भीड़तंत्र पर जोर। कर्मचारियों को पता है कि उनके लिए संघर्ष करने वाला सीटू ही है। प्रबंधन की पॉलिसी के खिलाफ मुखर होकर बोलने में सीटू कभी पीछे नहीं रहा। प्रबंधन परस्त होने का ठप्पा सीटू पर नहीं लगा। यही वजह है कि सीटू के पदाधिकारियों को चार्जशीट और कार्रवाई तक से जूझना पड़ता है।
इंटक के अतिरिक्त महासचिव संजय साहू का कहना है कि कर्मचारियों को इंतजार के बाद मतदान का मौका मिलने जा रहा है। कर्मचारियों को पता है कि उनके लिए बेहतर काम इंटक ने ही किया है। संकट के समय जब सभी यूनियन के पदाधिकारी घरों में कैद थे, तब इंटक मैदान में था। कर्मचारियों को हक दिलाने के लिए सेल प्रबंधन तक से वार्ता का दौर जारी रखा। जल्द ही एनजेसीएस की बैठक होने वाली है। इसमें बकाया एरियर आदि का भुगतान भी हो जाएगा।