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SAIL में टेंडर के बाद पेटी कांट्रैक्ट से BSP कर्मी परेशान, बढ़ते जा रहे हादसे

SAIL में टेंडर के बाद पेटी कांट्रैक्ट से BSP कर्मी परेशान, बढ़ते जा रहे हादसे
  • पेटी ठेकेदार कुशल श्रमिकों के नाम पर अकुशल श्रमिकों से काम ले रहे हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में जहां-जहां नियमित कर्मचारियों की कमी हो रही है। वहां, भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) द्वारा टेंडर के माध्यम से नियमित कर्मचारियों के स्थान पर ठेका पद्धति से कार्य कराया जा रहा है। इस वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं हो रहा है। हिंदू मजदूर सभा-एचएमएस से संबद्ध भिलाई श्रमिक सभा यूनियन के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र का कहना है कि ऐसे कार्यस्थलों को चिन्हित कर विभाग अध्यक्ष तथा ऑपरेटिंग अथॉरिटी से शिकायत किया जाएगा निराकरण न होने पर यूनियन कानूनी कार्यवाही करने पर बाध्य होगी।

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क्या है टेंडर की शर्तें

टेंडर की शर्तों के अनुसार जिस कंपनी को ठेका दिया जाता है, उसे अपना सुरक्षा अधिकारी एवं कार्य की निगरानी के लिए सुपरवाइजर नियुक्त करना होता है तथा कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होती है।

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क्या करते हैं कंपनी ठेकेदार

जिस कंपनी या ठेकेदार को टेंडर मिलता है वह अपना प्रॉफिट मार्जिन निकालकर किसी छोटे ठेकेदार को पेटी कॉन्ट्रैक्ट में दे देते हैं। ऐसे छोटे पेटी ठेकेदार कुशल श्रमिकों के नाम पर अकुशल श्रमिकों को काम पर लगा देते हैं तथा ना तो सुपरवाइजर नियुक्त करते हैं ना ही सुरक्षा अधिकारी। यदि सुपरवाइजर नियुक्त करते भी हैं तो सिर्फ श्रमिकों की हाजिरी एवं ऑफिस कार्य के लिए।

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क्या समस्या है बीएसपी कर्मचारियों की

पेटी ठेकेदार अकुशल श्रमिकों के कार्य के सुपरविजन के लिए बीएसपी कर्मचारियों पर अधिकारियों द्वारा  नियम विरुद्ध दबाया बनाया जाता है। किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर बीएसपी कर्मियों को परेशान किया जाता है।

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क्यों हो रही है दुर्घटनाएं

कुशल श्रमिकों के स्थान पर अकुशल श्रमिकों से कार्य करने तथा फैक्ट्री एक्ट के प्रावधानों का खुला उल्लंघन करने के कारण इस प्रकार की दुर्घटनाएं होती हैं। फैक्ट्री एक्ट के अनुसार कार्य के घंटे निर्धारित हैं तथा मशीन, पुलपिट, क्रेन में 8 घंटे के कार्य में ढाई घंटे का रिलीविंग का प्रावधान है, लेकिन बिना किसी ट्रेनिंग के सीधे सीधे क्रेन में और मशीनों में कार्य कराया जाता है।

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किसी भी प्रकार की रिलीविंग नहीं दी जाती, कभी-कभी तो 16-16 घंटे तक के कार्य करवाया जाता है, जो सीधे-सीधे श्रम कानून का उल्लंघन है। यही कारण है कि ठेका श्रमिकों के क्रेन संचालन के कारण वह अपने साथ-साथ दूसरे कर्मचारियों की जान को जोखिम में डालते हैं।

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