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International Labor Day पर छत्तीसगढ़िया रंग में नजर आएंगे बीएसपी कर्मी, इस्पात श्रमिक मंच के पदाधिकारी भी खाएंगे बोरे-बासी

International Labor Day पर छत्तीसगढ़िया रंग में नजर आएंगे बीएसपी कर्मी, इस्पात श्रमिक मंच के पदाधिकारी भी खाएंगे बोरे-बासी
  • 1 मई को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने बोरे-बासी तिहार मनाने का आह्वान किया है। छत्तीसगढ़ के संस्कृति में बोरे-बासी का बड़ा महत्व है। आम मेहनतकश के साथ साथ सभी छत्तीसगढ़िया लोगों का भी यह बड़ा आहार है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। International Labor Day 2023: पूरी दुनिया के मेहनतकश लोगों के लिए 1 मई की तारीख बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूर हितों के संघर्ष की शुरुआत की गई थी। जिसके कुछ दिन बाद ही पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने से कई मजदूर शहीद हो गए। इस बड़े संघर्ष और बलिदान के पश्चात ही पूरी दुनिया में मजदूरों के हितों एवं उनके सुविधाओं की शुरुआत हुई।

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इसलिए इस दिन को दुनिया भर में संघर्ष एवं मेहनत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश किसानों,आदिवासियों एवं मजदूरों का प्रदेश है। इसलिए 1 मई की तारीख हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे खेत,जल-जंगल, जमीन,खदान एवं हमारे कारखाने छत्तीसगढ़ की ताकत है। इन सभी में मेहनतकश लोग कार्य करते हैं। जिससे हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण होता है।

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इस्पात श्रमिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष शेख महमूद का कहना है कि मई दिवस हर मेहनतकश लोगों का दिन है। इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना तहेदिल से आभार व्यक्त करने के लिए इस्पात श्रमिक मंच यूनियन भी मजदूर दिवस को अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति के अनुरूप मनाएगा।

1 मई को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने बोरे-बासी तिहार मनाने का आह्वान किया है। छत्तीसगढ़ के संस्कृति में बोरे-बासी का बड़ा महत्व है। आम मेहनतकश के साथ साथ सभी छत्तीसगढ़िया लोगों का भी यह बड़ा आहार है।

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बासी अपने पौष्टिक गुणों के कारण हमारी छत्तीसगढ़िया लोक संस्कृति में इस तरह रच-बस गया है कि इसे छत्तीसगढ़ी संस्कृति से अलग नहीं किया जा सकता। गर्मी के दिनों में बोरे- बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। यह रामबाण बोरे-बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

इसलिए मई दिवस को इस्पात श्रमिक मंच यूनियन इस छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी त्यौहार को उत्सव के रूप में मनाएगा। इस्पात श्रमिक मंच यूनियन महासचिव राजेश अग्रवाल ने सभी छत्तीसगढ़िया निवासियों से अनुरोध किया है कि 1 मई को इस मई दिवस में जमकर बोरे- बासी खाएं और अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति के साथ मई दिवस मनाए।