बीएसपी के नए ईडी पीएंडए के नाम है कीर्तिमानों की फेहरिस्त, रेल मिल और प्लेट मिल गवाह
रेल मिल में एमएम गद्रे के आने के बाद रेल का उत्पादन बढ़ना शुरू हुआ। इतना ही नहीं, लगातार लगभग 7 महीने तक रिकॉर्ड रेल उत्पादन हुआ, जो उनके नेतृत्व क्षमता को दर्शाता था।
अज़मत अली, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के नए ईडी पीएंडए एमएम गद्रे का नाम जाना-पहचाना है। उत्पादन में कीर्तिमान रचने वाले विभागों की कमान संभालने वाले गद्रे हमेशा पर्दे के पीछे ही रहे। ग्लैमर से दूर रहने वाले नए ईडी पीएंडए रिटायरमेंट से करीब नौ माह पूर्व प्लांट से बाहर आ रहे हैं। प्लेट मिल से कॅरियर की शुरुआत की और रेल मिल में अपनी छाप छोड़ी। रेल-सेल के रिश्ते को मजबूती देने लिए उत्पादन में लंबी छलांग लगवाई।
अगस्त 2019 में सीजीएम रेल मिल का कार्यभार संभालने के बाद उन पर बहुत दबाव था। रेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर तरफ से प्रेशर था, क्योंकि इसके पूर्व सीईओ एके रथ रेल पटरी का उत्पादन बढ़ाने के लिए रेल मिल में अपना कार्यालय खोल चुके थे। एसएस वर्मा सलाहकार के रूप मौजूद रहे। सेल चेयरमैन को डायरेक्ट रिपोर्ट करते थे। लेकिन इन सबके बाद भी रेल उत्पादन उस तरीके से नहीं बढ़ पाया था, क्योंकि उस समय यूआरएम का उत्पादन प्रभावित था।
रेल मिल में एमएम गद्रे के आने के बाद रेल का उत्पादन बढ़ना शुरू हुआ। इतना ही नहीं, लगातार लगभग 7 महीने तक रिकॉर्ड रेल उत्पादन हुआ, जो उनके नेतृत्व क्षमता को दर्शाता था। कोरोना काल में भी रेलवे की डिमांड के हिसाब से रेल का उत्पादन होता रहा। लेकिन इसके बाद उन्हें प्लेट मिल का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। एक तरह से प्लेट मिल उनका मदर यूनिट था।
वहां, उन्होंने कुछ ही महीनों में प्लेट का उत्पादन लगभग 2 गुना या 100000 टन से ऊपर तक पहुंचा दिया था। इसके बाद उन्हें सीजीएम मिल्स का कार्यभार दिया गया। वहां पर भी उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए सभी मिलों का उत्पादन बढ़ाया। साथ ही उन्होंने सुरक्षा के प्रति मिल्स में लगातार काम किया और उसका परिणाम भी सामने आने लगा। बताया जा रहा है कि एमएम गद्रे हाइड्रोलिक एक्सपर्ट हैं।