- यूनियन ने कहा-एनजेसीएस बैठक में नेताओं ने कर्मचारियों के हक में अपना मुंह नहीं खोला। एक भी बात बीएसपी कर्मचारी हित में नहीं रख पाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के केंद्रीय कार्यालय सेक्टर 7 में यूनियन कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता की अध्यक्षता में हुई। बैठक में भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे। 8 फरवरी के एनजेसीएस की बैठक में कर्मचारियों को बहुत आशा थी कि प्रबंधन की ओर से कुछ ना कुछ कर्मचारी हित में जरूर निर्णय लिया जाएगा, जिससे उनको आर्थिक लाभ मिल सकेगा।
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लेकिन एनजेसीएस की बैठक में कर्मचारियों के किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। ऐसा प्रतीत होता है यह बैठक सिर्फ और सिर्फ यूनियन नेताओं को खुश करने और कर्मचारियों के मनोदशा को ठेस पहुंचाने के लिए रखवाई गई थी।
29-30 जनवरी की हड़ताल सिर्फ इस नाम से नहीं की गई कि प्रबंधन कर्मचारियों के मुद्दे पर सकारात्मक सोच व्यक्त कर रही है। इसलिए हड़ताल पर ना जाकर अपने मुद्दों को हल करवाना ही बेहतर होगा। लेकिन निराशा ही हाथ लगी कि मुद्दों पर चर्चा तक नहीं की गई। बैठक में बैठे नेताओं ने कर्मचारियों के हक में अपना मुंह नहीं खोला। एक भी बात बी एस पी कर्मचारी हित में नहीं रख पाए।
उपस्थित कर्मचारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि एनजेसीएस में नेताओं का मकसद किसी मुद्दे को हल करवाना नहीं होता, बल्कि बैठक के नाम पर वह सभी अपनी सुख सुविधाओं और फायदे की बात को देखकर प्रबंधन के सामने मूक दर्शक बनकर बैठे रहते हैं, जो अक्सर एनजेसीएस की बैठकों में देखने सुनने को मिलता है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने नेताओं की ऐसी स्थिति को देखते हुए कहा कि प्रबंधन अगर उनकी बातों को नहीं सुनती है तो ये असहाय लोग एनजेसीएस समिति से इस्तीफा क्यों नहीं देते हैं?
बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह, सी नरसिंह राव, जितेंद्र यादव, विमल कांत पांडे, संदीप सिंह, मनोज डडसेना, जितेंद्र देशलहरे, रविंद्र कुमार, राज कुमार क्षत्रिय, डी आर सोनवानी, रूपेन्द्र नाथ आदि उपस्थित थे।
आपको बता दें कि एनजेसीएस सब-कमेटी की बैठक ठेका मजदूरों के विषय पर बुलाई गई थी। ठेका मजदूरों के पेमेंट पर ही फैसला होना था। बीएसपी वर्कर्स यूनियन का कहना है कि इस बैठक में नियमित कर्मचारियों के विषय पर भी चर्चा होनी चाहिए थी।