हादसा रोकने का फॉर्मूला, पहचानो-परखो-पूछो पर कर्मियों से करा रहे अमल
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा संस्कृति को बढ़ाने की दिशा में समेकित प्रयास किए जा रहे हैं। विशेष रूप से परिकल्पित सुरक्षा सजगता कार्यक्रम का आयोजन गैर-कार्यपालकों और ठेका श्रमिकों के लिए एक उन्नत सुरक्षा संस्कृति बनाने की दिशा में विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम का प्रभाव अत्यंत ही सकारात्मक रहा है। इसमें उन्हें पहचानो-परखो-पूछो प्रक्रिया के माध्यम से सुरक्षित व्यवहार के लिए प्रेरित करते हुए उनके सुरक्षा के प्रति व्यक्तिगत भूमिका का बखूबी एहसास कराया जाता है।
संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों को शॉप फ्लोर पर सुरक्षा सजगता प्रशिक्षण देने के लिए बीएसपी में अब ट्रेन द ट्रेनर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए गठित एक समिति द्वारा इन टीटीटी कार्यक्रमों में एक कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद, 21 प्रतिभागियों ने हाल ही में प्रमुख प्रशिक्षकों के रूप में अर्हता प्राप्त की। इस प्रकार बीएसपी द्वारा सुरक्षा सजगता प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अर्हता प्राप्त 21 लीड ट्रेनर को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) केके सिंह तथा विशेष अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (सीएंडआईटी) पीके झा, कार्यवाहक मुख्य महाप्रबंधक (एसईडी एवं अग्निशमन सेवाएं) जीपी सिंह उपस्थित थे। इस अवसर पर कॉम्पेटेन्स सीएफटी लीडर, कॉम्पेटेन्स के रूप में ईडी (पीएंडए) केके सिंह, कॉम्पेटेन्स सीएफटी सदस्य के रूप में सीजीएम (सी एंड आईटी) पीके झा ने इन लीड प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
ईडी (पीएंडए) केके सिंह ने अपने उद्बोधन में इन प्रमुख प्रशिक्षकों को सुरक्षा अभियान के प्रमुख सूत्रधार निरूपित करते हुए उनके महती भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्हें संगठन को मजबूत सुरक्षा संस्कृति और सुरक्षा व्यवहार को बनाने में मदद करने की अपील की।
कार्यक्रम के संचालन के दौरान अजय टल्लू-प्रबंधक, एसईडी द्वारा सुरक्षा आंकड़े साझा किए गए। प्रतिभागियों ने शून्य दुर्घटनाओं की दिशा में काम करने की संस्कृति बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की और इस सुरक्षा आंदोलन को तेज करने के लिए अपने विचार साझा किए।