- बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के एक पूर्व महासचिव ने यहां तक दावा कर दिया कि साल 1993 चुनाव जैसा नजारा दिखा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। साल 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में परिवर्तन गूंजा था। इस बार बदलवो…की गूंज सुनी गई। क्या वास्तव में भिलाईनगर सीट पर बदलाव होने जा रहा है। या देवेंद्र यादव तमाम दावों को मात दे पाएंगे। यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा। फिलहाल, आंकड़े और दावे धड़कन बढ़ाने वाले हैं।
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बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP Officers Association) के एक पूर्व महासचिव ने यहां तक दावा कर दिया कि साल 1993 चुनाव जैसा नजारा दिखा। दोनों पार्टी के धुरंधर रस्सा कस्सी करते रहे। प्रेम प्रकाश पांडेय (Prem Prakash Pandey) ने कांग्रेस प्रत्याशी बदरूद्दीन कुरैशी को महज 932 वोटों से चुनाव हराया था।
कुछ इसी तरह का रिजल्ट इस बार भी हो सकता है। जीत का सहरा किसके सिर आएगा, यह देखने वाली बात होगी। बीएसपी के करीब 70 प्रतिशत सवर्ण अधिकारियों का पांडेयजी की तरफ रुझान रहा। जबकि ओबीसी, एससी-एसटी अधिकारी 30 प्रतिशत हैं, इनका रुझान देवेंद्र यादव की तरफ रहा।
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वहीं, खुर्सीपार के सोनियागांधी नगर, बापूनगर में देवेंद्र के पक्ष में अधिकतर वोटिंग का दावा होता रहा। जबकि गौतमनगर, बालाजीनगर में दोनों पार्टियों के बीच टक्कर दिखी। वार्ड 49 खुर्सीपार लेबर कॉलोनी केएलसी में युवाओं ने टेबल संभाला था। यूथ का रुझान देवेंद्र की तरफ रहा, जबकि वरिष्ठ लोग भाजपा के साथ नजर आए। सिख समाज के वोटरों ने भी मलकीत फैक्टर को चुनाव में खारिज किया। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के पदाधिकारी ने इस बात को खुद स्वीकार किया है।
पहली बार भिलाई की सभी ट्रेड यूनियन खुलकर चुनावी राजनीति में
भिलाई में लगभग 10 से ज्यादा ट्रेड यूनियन है, जिनमें से इस विधानसभा चुनाव में 10 ट्रेड यूनियन खुलकर विधानसभा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील किया। जहां, आठ ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के बैनर तले सीधे तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को वोट देने की अपील किया।
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वहीं, BWU एवं बीएमएस का एक धड़ा खुलकर भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय के पक्ष में खड़े हुए। वहीं, बीएमसी का दूसरा धड़ा खुलकर कहीं नजर नहीं आया।
पांडेय जी के लिए अधिकारियो का मैसेज, जमकर वायरल
चुनाव खत्म होते-होते ही कई राज खुलने शुरू हो गए। एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि 70 प्रतिशत अधिकारियों ने खुलकर भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय के लिए वोट मांगा। बंदिश के बावजूद चुनाव में कुछ अधिकारियों ने खुलकर पांडे जी के पक्ष में वोट डालने की अपील किया।
मैसेज बनाकर सबको भेजते रहे। इत्तेफाक से यह अपील कुछ ट्रेड यूनियन नेताओं के पास भी पहुंच गया है। प्रचार करने वाले अधिकारियों का नाम भी सार्वजनिक हो चुका है।
कर्मियों का मुद्दा भी रहा केंद्र में
इस चुनाव में NJCS से जुड़े मुद्दे भी केंद्र में रहे 39 माह का एरियर्स, ग्रेच्युटी, सीलिंग ट्रेड यूनियन के बयानों में छाया रहा। वहीं, यह बात स्पष्ट नजर आई की एक यूनियन ने जैसे ही पार्टी के पीछे छुपकर बायोमेट्रिक अटेंडेंस का मुद्दा उछाला।
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वैसे ही ट्रेड यूनियनों को खुलकर बयानबाजी करने का मौका मिल गया। ट्रेड यूनियन (Trade Unions) के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया। वाट्सएप तथा समाचारों में कर्मियों से जुड़े मुद्दे उछलते रहे एवं प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील जारी रही।