- अस्पताल की चिंता और अस्पताल कर्मियों की समस्याओं को लेकर सीटू मेडिकल जोन मिला अस्पताल प्रबंधन से।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू की अस्पताल जोन की टीम मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. विनीता द्विवेदी से मिलकर अस्पताल एवं अस्पताल कर्मियों की समस्याओं के संदर्भ में चर्चा की। इस बैठक में अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर कौशलेंद्र ठाकुर, डॉक्टर उदय धाबर्डे, अस्पताल एडमिनिस्ट्रेटर शाहिद अहमद उपस्थित थे। सीटू की टीम से विजय कुमार जांगड़े, टी जोगा राव, संतोष पुष्टि, संतोष कुमार, अजय कुमार आर्य, मनोज साहा, राकेश छाबड़ा, डीवीएस रेड्डी उपस्थित थे
डेलाइट के कंसल्टेशन रिपोर्ट ने बढ़ाई अस्पताल कर्मियों की चिंता
बैठक की शुरुआत में सीटू ने कहा कि सेल प्रबंधन द्वारा डेलाइट को कंसल्टेशन के लिए हायर करने एवं डेलाइट द्वारा दिए गए कंसल्टेशन रिपोर्ट ने अस्पताल कर्मियों की चिंता बढ़ा दी है इस पर प्रबंधन ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन भी अस्पताल निजीकरण के विरोध में है। कंसल्टेशन रिपोर्ट के बाद फिलहाल निजीकरण के मामले में कोई आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है।
सीटू का मानना है कि केंद्र में मौजूद सरकार एवं उसके निर्देशों पर काम कर रहा उच्च प्रबंधन धीरे-धीरे सार्वजनिक उद्योगों को खत्म करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं इसीलिए हमें अस्पताल को लेकर सचेत रहना होगा क्योंकि खतरा टला नहीं है।
अब कार्डियक पेशेंट को बुलाया जाएगा 10:00 बजे
सीटू नेता संतोष पुष्टि ने कहा कि अस्पताल में कोई कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है। इसीलिए बाहर से कार्डियोलॉजिस्ट मरीज का इलाज करने आते हैं, जिसके लिए मरीजों को सुबह 8:00 बजे बुला लिया जाता है, जबकि डॉक्टर 10:00 बजे के बाद आते हैं और मरीज सुबह से आकर परेशान होते रहते हैं। इस पर प्रबंधन ने कहा कि अब अपॉइंटमेंट देते समय मरीजों को भी 10:00 बजे बुलाएंगे।
नर्सिंग सिस्टर का पदनाम बदलकर रखे नर्सिंग ऑफिसर
सीटू नेता अजय कुमार आर्य ने नर्सिंग सिस्टर के पदनाम को बदलकर नर्सिंग ऑफिसर रखने के मामले को प्रबंधन के सामने रखते हुए कहा कि कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में नर्सिंग सिस्टर को नर्सिंग ऑफिसर के पदनाम से बुलाया जाता है। वहीं विभिन्न पदों पर काम करने वाले टेक्निशियनों को भी अलग-अलग सम्मानजनक पदनाम से बुलाया जाता है इस पर प्रबंधन ने कार्मिक विभाग से बात कर आवश्यक संभावनाओं को तलाश करने पर अपनी सहमति जताई।
कई विभागों में जरूरी है रिस्ट्रक्चरिंग
सीटू नेता ने कहा कि अस्पताल के अंदर एम टी ए में डी क्लस्टर, एमटीआर के कर्मचारियों के लिए नये पदनाम सहित कई विभागों में कर्मी लंबे समय से एक ही पदनाम पर कार्यरत हैं यदि रिस्ट्रक्चरिंग किया जाए तो उन्हें न केवल नया पदनाम मिलेगा बल्कि अगले क्लस्टर में भी जा सकेंगे इस पर प्रबंधन ने कहा कि कार्मिक विभाग से इस बारे में अलग से बैठक करेंगे ताकि समाधान निकाला जा सके
आयुष्मान कार्ड से होने वाले इलाज के एवज में मिले स्पेशल इंसेंटिव
सीटू नेता संतोष कुमार ने कहा कि देश के कई बड़े अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से होने वाले इलाज के एवज में प्राप्त होने वाले रकम में से एक हिस्सा इलाज करने वाले डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ को विशेष रूप से दिया जाता है। इसी तर्ज पर सेक्टर 9 अस्पताल में भी आयुष्मान कार्ड से होने वाले इलाज के एवज में आने वाले रकम में से स्पेशल इंसेंटिव दिया जाना चाहिए इस पर प्रबंधन ने कहा कि वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ इस संदर्भ में कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
वें एम्स का उदाहरण देकर कहते हैं कि वहां पर आयुष्मान कार्ड की एवज में आने वाले रकम से कोई इंसेंटिव अथवा अन्य किसी किस्म का प्रोत्साहन राशि या तोहफा नहीं दिया जाता है। सीटू ने कहा कि इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनाने की बजाय रुकावटें पैदा करना अच्छा नहीं है सीटू उच्च स्तर पर भी इस दिशा में प्रयास करेगा।
कार्मिक अधिकारी के स्तर पर निकाले जाएंगे कई मुद्दों के समाधान
सीटू द्वारा प्रस्तुत किए गए मांग पत्र में कई मुद्दे कार्मिक विभाग के स्तर पर चर्चा करके समाधान किया जाना है। किंतु कार्मिक अधिकारी की छुट्टी में रहने के कारण उन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा नहीं हो सकी इस पर प्रबंधन ने कहा कि जल्द ही कार्मिक अधिकारियों के साथ यूनियन एवं अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारी की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें उन सभी मुद्दों पर चर्चा कर संभावित हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
इन मुद्दों पर विशेष बातचीत
1. वार्ड एवं कैजुअल्टी में पर्याप्त मात्रा में चादर कंबल दिए जाने।
2. सेवानिवृत्त कर्मियों के बदले कर्मियों को देने।
3. मेडिकल कर्मियों के लिए वाहन स्टैंड।
4. सभी विभागों एवं वार्डों के बेहतर रखरखाव के लिए निश्चित अवधि में मेंटेनेंस विभाग के द्वारा इंस्पेक्शन सुनिश्चित करने।
5. माइंस में भेजने वाले पॉलिसी के संदर्भ में।
6. फार्मेसी विभाग में पांच कंप्यूटर ऑपरेटर दिए जाने।
7. रेस्ट रूम की व्यवस्था किया जाए।
8. महिला कर्मियों के लिए चेंजिंग रूम।
9. पर्याप्त संख्या में गार्ड की व्यवस्था करने।
10. हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम सॉफ्टवेयर को दुरुस्त करने।
11. कैंटीन में मेडिकल कर्मियों के लिए बैठने हेतु अलग से व्यवस्था करने।
12. झूला घर की व्यवस्था करने आदि पर विस्तार से चर्चा की गई जिसमें कुछ विषयों पर मैनेजमेंट और कर्मियों के मिलकर काम करने से समाधान निकालने पर भी सहमति बनी जिसका बहुत जल्दी परिणाम दिखने लगेगा।
















