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साहब…! इस बार BSP आवासों से मत टपकने दीजिएगा पानी, अभी से कराएं टार फेल्टिंग, एक-एक आवास की कुंडली हो इंट्रानेट पर

साहब…! इस बार BSP आवासों से मत टपकने दीजिएगा पानी, अभी से कराएं टार फेल्टिंग, एक-एक आवास की कुंडली हो इंट्रानेट पर
  • सीटू नेता कहते हैं कि टाउनशिप एवं आवास से जुड़े से जुड़े कोई भी कंप्लेंट का निराकरण एक निश्चित समय सीमा के अंदर किया जाना चाहिए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों को आवास से संबंधित अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी छत का प्लास्टर टूट कर गिर जाता है। बारिश में छत से पानी टपकता है। 3 से 4 साल पहले टार फेल्टिंग के लिए दिए गए ऑनलाइन कंप्लेंट का निराकरण नहीं हो पा रहा है। क्वार्टर मेंटेनेंस समय पर नहीं होता है। वेलकम स्कीम में आवेदन देने के बाद भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

इन सब समस्याओं से परेशान कर्मियों को संयंत्र में उत्पादन उत्पादकता और सुरक्षा के प्रति ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस होती है और मनोबल में कमी आती है, जो संयंत्र के हित में नहीं है। जिसके संबंध में सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने मुख्य महाप्रबंधक नगर प्रशासन एवं सेवाएं को पत्र लिखकर इन समस्याओं के निराकरण के लिए शीघ्र प्रयास करने की मांग की।
निश्चित समय सीमा के अंदर होना चाहिए निराकरण
सीटू नेता कहते हैं कि टाउनशिप एवं आवास से जुड़े से जुड़े कोई भी कंप्लेंट का निराकरण एक निश्चित समय सीमा के अंदर किया जाना चाहिए। चार माह बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा। इसीलिए टार फेल्टिंग कार्य को तेज किया जाए। सर्वे कर प्राथमिकता तय किया जाए।

वहीं, वेलकम में दिए गए मकानों का कार्य लंबे समय तक पेंडिंग रहता है, जिसके कारण आवंटित करवाए हुए मकान में जल्दी शिफ्ट नहीं हो पाते हैं। प्रबंधन को चाहिए कि वेलकम के काम में तेजी लाएं, वेलकम स्कीम द्वारा पूरे मकान के कमरों, किचन, बाथरूम में टाइल्स लगाया जाए।
एक ग्रेड ऊपर के मकानों को आवंटित करने की पॉलिसी बनाएं
सीटू नेता ने कहा कि संयंत्र के अधीन लगभग 36000 मकान थे। उस समय संयंत्र में 60000 से ज्यादा कर्मी कार्यरत थे। किंतु अभी कर्मी एवं अधिकारी मिलाकर 17000 से कम रह गए हैं। वहीं, संयंत्र के पास लीज लाइसेंस में देने और एन क्यू-1,एन क्यू-2 क्वार्टर को हटा लेने के बाद भी हायर ग्रेड के क्वार्टर को कर्मियों को आवंटित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में क्वार्टर उपलब्ध है, क्योंकि संयंत्र में कार्यरत कर्मियों में से एक बड़ी संख्या खुद के आवास में रहती हैं।

इसीलिए सीटू ने यह मांग किया है कि एन क्यू-1,एन क्यू-2 क्वार्टर का एलॉटमेंट बंद कर दिया जाए। कर्मियों को एक ग्रेड उपर के आवास की पात्रता की पालिसी बनाया जाए।
इंट्रानेट पर डिस्प्ले किया जाना चाहिए आवास की स्थिति
सीटू यह पहले भी मांग कर चुका है कि आवास की स्थिति को इंट्रानेट पर डिस्प्ले किया जाना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि हमारे पड़ोस में कौन रहता है। हमारे पड़ोस का आवास कहीं कब्जे में तो नहीं है इत्यादि इसीलिए एन क्यू -3,एन क्यू -4,एन क्यू-5 में कितने क्वार्टर हैं, कितने रिटेंशन में है, कितने थर्ड पार्टी एलॉटमेंट है?

कितने अवैध कब्जे में है? इसकी जानकारी इंट्रानेट में डिस्प्ले किया जाए। साथ ही साथ कर्मियों को भी सी-3 टाइप क्वार्टर दिए जाए एवं एन क्यू-1 एवं एन क्यू-2 टाइप क्वार्टर का डिमोलाइजेशन करने एवं अनफिट ब्लॉक के लीज धारकों के स्थानांतरण के बारे में क्या पॉलिसी है स्पष्ट करें।
लाइसेंस पद्धति में दिए जाने वाले क्वार्टर पर लगी बंदिश को हटाया जाए
सेवानिवृत्ति के समय जो साथी एन क्यू-1 एवं एन क्यू-2 टाइप क्वार्टर में रहते हैं। उन्हें वह क्वार्टर को लाइसेंस पर दे दिया जाता है। किंतु इस लाइसेंस में देने के दौरान एन क्यू-1 टाइप के क्वार्टर को लाइसेंस पद्धति के आवंटित करते समय एरिया की बंदिश लगाई गई है।

यूनियन के संज्ञान में यह बात आई है कि सेक्टर-1 में कुछ ट्यूब्लर सैड टाइप के आवासों को 600 वर्ग फीट का बताकर लाइसेंस में नहीं दिया जा रहा है। इस टाइप की बंदिशों को हटाया जाए जब तक की कंपनी एन क्यू-1 एवं एन क्यू-2 क्वार्टरों को डिमोलिश करने का कार्य प्रारंभ नहीं कर देती।
जल्द प्रारंभ किया जाए सर्व सुविधा युक्त नए मकान बनाने का कार्य
सीटू अपने मान्यता काल के दौरान प्रबंधन के साथ बैठकर सर्व सुविधा युक्त नए फ्लैट बनाने के संदर्भ में कुछ तैयारी किया था, जिसे मंजूरी के लिए कारपोरेट कार्यालय दिल्ली भेजा गया था। यूनियन के संज्ञान में यह बात है कि कॉरपोरेट कार्यालय में नए सर्व सुविधा युक्त फ्लैट बनाने के संदर्भ में सकारात्मक रुख अपनाया है। अतः सीटू ने प्रबंधन से मांग किया है कि नए सर्वसुविधा युक्त मकान (नए फ्लैट/सेल टावर) बनाने हेतु उच्च स्तर के मंजूरी के पश्चात भी प्रक्रिया को अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है, उस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
कार्मिक विभाग में भी शुरू किया जाए आवास संबंधी शिकायतों को देने की व्यवस्था
संयंत्र में कर्मियों की संख्या घटने के साथ ही आवास एवं टाउनशिप से जुड़ी हुई शिकायतों को नगर सेवाएं विभाग एवं उनके इंक्वायरी ऑफिस में जाकर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सामान्य पाली की कर्मी जो सुबह 9:00 से 5:30 बजे तक की ड्यूटी करते हैं। वह या शिकायत करने जा ही नहीं पाते हैं। इसीलिए सीटू ने यह भी मांग किया है कि कर्मियों के आवास से जुड़े समस्याओं से सम्बंधित शिकायतों को कार्मिक विभाग के माध्यम से नगर सेवा विभाग में देने संबंधी व्यवस्था किया जाए।