JBCCI की बैठक बेनतीजा रहने पर भड़के सीटू, एचएमएस, बीएमएस और एटक, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मांगा मुलाकात का समय
कोल इंडिया के कामगारों का वेतन समझौता करने JBCCI की बैठक बेनतीजा खत्म, शुरू होगा खदान से कार्यालय तक आंदोलन।
सूचनाजी न्यूज। जेबीसीसीआई की बैठक विफल होने के बाद श्रमिक संगठनों ने कोल इंडिया प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एचएमएस, सीटू, एटक और बीएमएस ने संयुक्त रूप से कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को चिट्ठी लिखकर कोल इंडिया प्रबंधन के रवैये की शिकायत की है। जेबीसीसीआई-11 के गठन के बाद से अब तक इसकी पांच बैठकें प्रबंधन एवं ट्रेड यूनियन के मध्य हो चुकी है। किन्तु इस बेठकों से कोई सकारात्मक परिणाम अब तक नहीं निकल पाया है। ऐसे में कोल इंडिया के कामगार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और आक्रोशित भी हैं। यदि मजदूरों का आक्रोश बढ़ता रहा तो आगे चलकर यह औद्योगिक अशान्ति का रूप भी धारण कर सकता है। इसलिए उद्योग में शांति कायम रहे तथा वेतन समझोता-11 भी समय पर तथा सम्मानजनक रूप में पूर्ण हो सके। इसके लिए मंत्री से मुलाकात कर सारी वस्तुस्थिती से अवगत कराने के लिए समय मांगा गया है।
बता दें कि कोल इंडिया के कामगारों का वेतन समझौता करने के लिए शुक्रवार को हुई बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गई। कोलकाता के बजाय इस बार हैदराबाद में बैठक हुई। कोल इंडिया के चेयरमैन सहित ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि कंपनी के परफॉर्मेंस और कर्मचारियों की मांगों पर मंथन किया। जेबीसीसीआई की बैठक हैदराबाद के ली-मैरेडियन होटल में हुई। कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से मीटिंग में तीन प्रतिशत एमजीबी का ऑफर फिर दिया गया। यह सुनते ही जेबीसीसीआई सदस्य भड़क गए। एचएमएस, सीटू, बीएमएस और एटक के सदसय मीटिंग से उठकर बाहर आ गए। सभी सदस्य अब आगे की रणनीति तय करने में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि आंदोलन की राह पर यूनियनें चलेंगी।

बैठक में प्रबंधन द्वारा एमजीबी का कुछ भी नया ऑफर देने में असमर्थता व्यक्त की गई। यूनियन ने कहा कि पिछली बार 10वें वेज बोर्ड में जो कोयला मजदूरों ने हासिल किया था। इससे बेहतर कोई प्रस्ताव, एमजीबी का हो तो उससे आगे वार्ता शुरु की जाए। इस बात पर प्रबंधन ने कहा तत्काल हम इसपर कोई प्रस्ताव देने की स्थिति में नहीं हैं। इस तरह बैठक असफल हो गई। सीटू के डीडी रामनंदन के मुताबिक संयुक्त यूनियन ने बैठक कर निम्नलिखित फैसले लिए।
1)-कोयला मंत्री को पत्र लिखकर प्रबंधन के नकारात्मक रवैये से अवगत कराकर उनके हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।
2)-इस बीच सभी कोयला कामगारों का आह्वान किया गया कि वे सभी खदानों, क्षेत्रों,कम्पनियों में प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के प्रति विरोध कार्यवाहियां करें।
इधर, प्रबंधन ने पहले से ही तैयारी करके रखी हुई थी। मीटिंग में होने वाली चर्चा को बाहर आने से रोकने के लिए प्रबंधन ने इंतजाम कर रखा था। जिस फ्लोर में बैठक हो रही थी, वहां से सबको हटा दिया गया था। बाउंसर तक लगाए गए थे ताकि किसी को भी मीटिंग हॉल तक न जाने दिया जाए। बता दें कि बैठक में शामिल होन से पहले एचएमएस, सीटू, बीएमएस और एटक के जेबीसीसीआई सदस्यों ने राउंड दॅ टेबल चर्चा की। बैठक में उठने वाले बिंदुओं पर एकजुटता से चर्चा करने और प्रबंधन पर दबाव बनाने पर रणनीति तय की थी थी। मिनिमम गारंटेड बेनिफिट (एमजीबी) पर फोकस किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली बैठक भी बेनतीजा ही समाप्त हो गई थी। प्रबंधन ने मात्र 3 प्रतिशत ही एमजीबी देने का ऑफर दिया था, जिसे सभी यूनियनों ने खारिज कर दिया था। लंबे इंतजार के बाद दोबारा बैठक शुरू हुई और बेनतीजा समाप्त हो गई।