Coal India: कोयला उत्पादन 28 प्रतिशत छलांग के साथ 138 मिलियन टन तक पहुंचा, संकट में बिजली सेक्टर को 24 दिनों तक सप्लाई का भरपूर भंडार
विभिन्न खदानों में कोयला भंडार 52 मिलियन टन तक पहुंचा, बिजली क्षेत्र की 24 दिनों की आवश्यकता पूरी करने के लिए पर्याप्त। कोयला आयात के लिए कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा जारी अल्प और दीर्घकालिक टेंडर फ्लोट किए गए।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 में 777 मिलियन टन (एमटी) के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद, घरेलू कोयला उत्पादन चालू वित्त वर्ष के दौरान भी लगातार वृद्धि के रुझान प्रदर्शित कर रहा है। कुल घरेलू कोयला उत्पादन 31 मई 2022-23 तक 137.85 मिलियन टन हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान हुए 104.83 एमटी उत्पादन की तुलना में 28.6 प्रतिशत अधिक है। यह रुझान जून 2022 में भी बरकरार रखा जा रहा है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि (16 जून, 2022 तक) में हुए उत्पादन की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष के लिए घरेलू कोयला उत्पादन लक्ष्य 911 एमटी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.2 प्रतिशत अधिक है।
घरेलू कोयला आधारित (डीसीबी) बिजली संयंत्रों द्वारा ब्लेंडिंग के लिए कोयला आयात में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 8.11 एमटी की कमी आई जोकि पिछले आठ वर्षों में सबसे कम कोयला आयात है। ऐसा केवल घरेलू स्रोतों से मजबूत कोयला आपूर्ति तथा बढ़े हुए घरेलू कोयला उत्पादन के कारण संभव हो पाया।
कोयला आयात घटा, जानिए आंकड़े
आयातित कोयला आधारित (आईसीबी) बिजली संयंत्रों ने वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2019-20 तक 45 एमटी प्रति वर्ष से अधिक कोयले का आयात किया था। बहरहाल, आईसीबी बिजली संयंत्रों द्वारा कोयला आयात घट कर वित्त वर्ष 2021-22 में 18.89 एमटी के निम्नतम स्तर पर आ गया तथा इन संयंत्रों से उत्पादन भी 100 से अधिक बीयू की तुलना में जोकि पिछले कुछ समय से इन संयंत्रों द्वारा उत्पादन किया जा रहा था, वित्त वर्ष 2021-22 में घट कर 39.82 बीयू तक आ गया। इस वर्ष भी आयातित कोयले की ऊंची कीमत के कारण उनका उत्पादन बहुत कम बना हुआ है।
कोयला आधारित बिजली उत्पादन 1.82 प्रतिशत बढ़ा
पिछले पांच वर्षों के दौरान, कोयला आधारित बिजली उत्पादन 1.82 प्रतिशत की सीएजीआर की दर से बढ़ा है, जबकि बिजली क्षेत्र को घरेलू कोयला आपूर्ति 3.26 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। इस प्रकार, बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति ने कोयला आधारित बिजली उत्पादन को पीछे छोड़ दिया है और वर्तमान वर्ष में भी ऐसा ही हो रहा है।
ये है बिजली संयंत्रों के लिए कोल इंडिया का योगदान
वित्त वर्ष 2021-22 में, सीआईएल से डीसीबी बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) के तहत स्वीकृत आवश्यक आपूर्ति से अधिक रही है। सीआईएल ने 540 एमटी कोयले की आपूर्ति की थी जिसमें से 483 एमटी कोयले की आपूर्ति एफएसए के विरुद्ध की गई थी। यह कोयला बिजली संयंत्रों को 69 प्रतिशत पीएलएफ पर संचालित करने के लिए पर्याप्त था जबकि डीसीबी बिजली संयंत्र वित्त वर्ष 2021-22 में केवल 61.3 प्रतिशत पीएलएफ पर प्रचालित हुए थे। एफएसए के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में, सीआईएल द्वारा इससे जुड़े बिजली संयंत्रों को (85 प्रतिशत पीएलएफ पर) 120.67 एमटी कोयले की आपूर्ति की जानी निर्धारित थी, जबकि सीआईएल ने 129.58 एमटी कोयले की आपूर्ति (16 जून, 2022 तक) की थी। यह आपूर्ति संयंत्रों के लिए आवश्यक आपूर्ति की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक थी। अगर वे 85 प्रतिशत पीएलएफ पर प्रचालित होते। इन संयंत्रों ने लगभग 70 प्रतिशत पीएलएफ पर प्रचालन किया है और इसके एफएसए जुड़े संयंत्रों को सीआईएल कोयला आपूर्ति उनकी आवश्कयता की तुलना में 30.4 प्रतिशत अधिक है।
बिजली सेक्टर को रेक आपूर्ति भी सर्वकालिक ऊंचाई पर रही
बढ़े हुए उत्पादन के साथ, सीआईएल से बिजली सेक्टर को रेक आपूर्ति भी सर्वकालिक ऊंचाई पर रही है। बिजली सेक्टर को रेक लोडिंग वित्त वर्ष 2020-21 के प्रति दिन 215.8 रेक से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 में प्रति दिन 271.9 रेक तक पहुंच गई जो 26 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। वर्तमान वर्ष में भी (16 जून, 2022 तक) सीआईएल से बिजली सेक्टर को रेक आपूर्ति में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। इसी के साथ साथ, पिट हेड बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार दूर के संयंत्रों की तुलना में काफी अधिक है।
कोयला भंडार में कमी नहीं
डीसीबी बिजली संयंत्रों ने जून 2022 महीने (16 जून, 2022 तक) में 3.3 बीयू प्रति दिन की रिकॉर्ड उच्च शक्ति उत्पन्न की है। डीसीबी बिजली संयंत्रों में इस दौरान कोयला भंडार में कमी नहीं आई है बल्कि यह 21.85 एमटी (01 जून, 2022 तक) से 22.64 एमटी (16 जून, 2022 तक) तक की वृद्धि ही हो गई है। यह सुदृढ़ कोयला उत्पादन तथा बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त आपूर्ति को प्रदर्शित करती है। कोयला भंडार 10 दिनों से अधिक की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त है।
16 जून, 2022 तक, विभिन्न घरेलू कोयला खदानों में कोयला भंडार 52 एमटी से अधिक है जोकि बिजली संयंत्रों की लगभग 24 दिनों की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है। इसके अतिरिक्त, लगभग 4.5 एमटी कोयला भंडार विभिन्न गुडशेड साइडिंग, निजी वाशरीज तथा बंदरगाहों पर उपलब्ध है एवं बिजली संयंत्रों को ट्रांसपोर्ट किए जाने की प्रतीक्षा कर रहा है।
दो दीर्घकालिक आयातित कोयला आपूर्ति टेंडर फ्लोट
मॉनसून के दौरान, खदानों में उच्च कोयला भंडार रहने के बावजूद कोयला कंपनियों को खदानों में बाढ़ तथा गीले कोल जामिंग से कोल हैंडलिंग प्लांट कन्वेयर सिस्टम के कारण साइडिंग तक कोयले को ट्रांसपोर्ट करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दूसरी तिमाही की समाप्ति तक भी, कोयला भंडार सीआईएल खदानों में ऊंचा बना रहता है, जबकि थर्मल प्लांट में इनका भंडार कम होता है। वहां घरेलू कोयला उत्पादन कोई मुद्दा नहीं है। सीआईएल से कोयला आपूर्तियां एफएसए आवश्यकताओं की तुलना में अधिक हैं। बहरहाल, सीआईएल ने इच्छुक बिजली क्षेत्र उपभोक्ताओं (राज्य जेनको तथा आईपीपी) के लिए कोयला आयात करने पर सहमति जताई है और तीन महीने के भीतर आपूर्ति के लिए 2.4 एमटी आयातित कोयले के लिए एक अल्प अवधि टेंडर और एक वर्ष की अवधि में आपूर्ति के लिए 6 एमटी प्रत्येक के दो दीर्घकालिक आयातित कोयला आपूर्ति टेंडर फ्लोट किए हैं।
मॉनसून सीजन में बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला उपलब्ध रखने पर फोकस
आवश्यक ईंधन की सहज उपलब्धता में बाधाओं तथा पीपीए से संबंधित मुद्दों के कारण आईसीबी बिजली संयंत्र और गैस आधारित बिजली संयंत्र बहुत कम क्षमता पर काम कर रहे हैं। बहरहाल, सीआईएल तथा अन्य घरेलू स्रोतों से कोयला आपूर्ति यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है कि मॉनसून सीजन के दौरान बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला उपलब्ध रहे।