दुर्गापुर स्टील प्लांट में फिर आफत आई, एनडीआरएफ-सीआइएसएफ ने रस्सी के सहारे जान बचाई, देखिए तस्वीरें
सूचनाजी न्यूज, दुर्गापुर। दुर्गापुर स्टील प्लांट में सायरन बजते ही अफरा-तफरी मच गया। जान बचाने के लिए हर कोई भागता दिखा। फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंचा। फर्नेस गैस लाइन में फंसे कर्मचारियों की जान बचाने के लिए एनडीआरएफ ने रस्सी का सहारा लिया। ऊंचाई पर पहुंचने और वहां से कर्मचारी को बाहर निकलने के लिए रस्सी मददगार साबित हुई। इसी तरह फर्नेस एरिया में एक कर्मचारी को जैसे-तैसे निकाला गया। घटनास्थल से लेकर अस्पताल पहुंचाने तक की सारी कवायद को एनडीआरएफ और दुर्गापुर स्टील प्लांट के कार्मिकों ने सक्रियता से निभाई।

लगातार हादसों से सबक लेते हुए दुर्गापुर स्टील प्लांट ने आपदा प्रबंधन के वास्तविक हकीकत की जांच करने के लिए मॉक ड्रिल किया। एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन ने आपदा की स्थिति से निपटने और डीएसपी के बीओएफ गैस होल्डर साइट के पास राहत बचाव कार्य किया। दुर्गापुर स्टील प्लांट में मॉक ड्रिल के जरिए कार्मिकों को सक्रियता का सबक दिया गया। मॉक ड्रिल ने बीओएफ गैस होल्डर में आपात स्थिति के परिदृश्य को मानते हुए बीओएफ गैस होल्डर के कामकाज के दौरान उत्पन्न होने वाले आपातकालीन पहलुओं को कवर किया। जबकि ड्रिल के लिए लिया गया पहला परिदृश्य गैस धारक के अंदर सीमित स्थान से कर्मचारियों का बचाव अभियान था। दूसरा 25 मीटर की ऊंचाई पर गैस धारक के एक मध्यवर्ती मंच पर बीओएफ गैस से प्रभावित कर्मचारियों के बचाव से संबंधित था।

मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने ड्रिल करने के लिए नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का इस्तेमाल किया। डीएसपी और एएसपी के सुरक्षा और अग्निशमन सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं, विभागीय सुरक्षा अधिकारियों और सीआईएसएफ कर्मियों ने ड्रिल में भाग लिया। आपदा अलार्म की चेतावनी के तुरंत बाद, अग्नि और सुरक्षा और अन्य सहित विभिन्न विभागों की मदद से आपातकालीन संचालन सक्रिय कर दिया गया। अंत में मॉक ड्रिल उपयोगी साबित हुई, क्योंकि इससे जागरुकता पैदा करने और सुरक्षा संवेदीकरण में मदद मिलेगी। इस ड्रिल से डीएसपी को संयंत्र में आपात स्थितियों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी।
