सेल, एनएमडीसी, मेकॉन, आरआइएनएल पर इस्पात सचिव संग मंथन, बिजली बिल हॉफ के लिए आफिसर्स एसोसिएशन ने मांगा समर्थन
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सेल, एनएमडीसी, मेकॉन और आरआइएनएल के विषयों पर इस्पात सचिव से चर्चा की। ओए के पदाधिकारियों ने इस्पात सचिव संजय सिंह से इस्पात क्षेत्र के अधिकारियों के अन्य लंबित मुद्दों पर उनके भिलाई प्रवास के दौरान चर्चा की। भिलाई टाउनशिप की बिजली व्यवस्था और राज्य सरकार द्वारा बिजली बिल हॉफ के विषय पर बातचीत की गई।
ओए की तरफ से इस्पात सचिव के सामने मांगों की बौछार लगा दी गई है। मुख्य तौर पर 11 महीने के पर्क्स का एरियर्स (26.11.2008 से 04.10.2009 तक) की मांग की गई। वित्तीय वर्ष 2018-19 का इंक्रीमेंटल पीआरपी, आरआईएनएल के अधिकारियों के पिछले वर्षों से लंबित प्रमोशन को शीघ्र चालू करने, एनएमडीसी के अधिकारियों को थर्ड पे-रिविजन में दासा (डिफिकल्ट एरिया सर्विस एलाउंस) का भुगतान चालू करने की मांग की गई।
इसके अलावा जनवरी 2017 से फरवरी 2018 तक सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को थर्ड पे-रिविजन के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान, सेल पेंशन योजना की राशि पर ब्याज 01.01.2007 से दिलवाने, थर्ड पे-रिविजन का 39 महीने का एरियर्स (01.01.2017 से 31.03.2020 तक), मेकॉन में तीसरा पे-रिविजन शीघ्र लागू करने की मांग की गई।
बिजली बिल हॉफ के लिए ये काम जरूरी
इसी तरह भिलाई टाउनशिप में विद्युत आपूर्ति सीएसपीडीसीएल को हस्तांतरित करने के लिए तथा इस्पात संयंत्रों के विनिवेश के स्थान पर सामरिक विलय (स्ट्रेटेजिक मर्जर) आदि विषयों पर चर्चा की गई। विदित हो कि भिलाई टाउनशिप में बीएसपी के द्वारा विद्युत आपूर्ति के लिए औद्योगिक दर पर खरीद कर उसे सामान्य दर पर बीएसपी टाउनशिप के रहवासियों को प्रदान किया जाता है। इसके बाद भी भिलाई टाउनशिप के रहवासियों को भिलाई टाउनशिप के बाहर रहवासियों से अधिक दर पर बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है। क्योंकि राज्य शासन की विशेष योजनाओं के छूट का लाभ भिलाई टाउनशिप के रहवासियों को नहीं मिल पाता। छग शासन द्वारा घरेलू उपभोग पर 400 यूनिट प्रतिमाह पर विद्युत दर पर 50 प्रतिशत की छूट है। भिलाई टाउनशिप में विद्युत आपूर्ति सीएसपीडीसीएल द्वारा प्रदान करने से बीएसपी एवं भिलाई टाउनशिप के रहवासियों दोनों को आर्थिक लाभ होगा।
प्रपोजल सेल आफिस जा चुका, लेकिन अनुमति का इंतजार
इस संबंध में भिलाई प्रबंधन द्वारा नगर सेवा विभाग के विद्युत आपूर्ति की सेवाओं को छ.ग. शासन विद्युत निगम से लेने हेतु आवश्यक प्रपोजल सेल निगमित कार्यालय को भेजा गया था। उपरोक्त प्रस्ताव विगत दो वर्षों से सेल प्रबंधन एवं इस्पात मंत्रालय की स्वीकृति हेतु लंबित है। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने पर भिलाई नगर के निवासियों को विद्युत दरों पर आर्थिक राहत मिलेगा। साथ ही विद्युत आपूर्ति में हो रही चोरी का भी आर्थिक बोझ नगर रहवासियों के उपर से हट जाएगा तथा विद्युत के वितरण में हो रहे लगभग 24 प्रतिशत की हानि को हाई वोल्टेज वितरण में परिवर्तित करने से रोका जा सकता है। इस प्रस्ताव के अनुसार नगर में विद्युत के तीनों फेस आपूर्ति तथा आधुनिक आधारभूत संरचना राज्य विद्युत निगम के द्वारा टाउनशिप क्षेत्र में तैयार किया जाएगा। जिससे वर्तमान में अत्यंत पुरानी आधारभूत संरचना जिसे अत्याधिक रखरखाव की आवश्यकता पड़ती है तथा अनेक समस्याएं तकनीक के अत्यंत पुराने होने के कारण हल नहीं की जा पा रही है, सुगमतापूर्वक हल हो जाएगी।
सेफी चेयरमैन ने अवैध कब्जे और बिजली चोरी का उठाया मुद्दा
अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल की इस्पात सचिव से चर्चा सकारात्मक रही। सेफी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने बताया कि वर्तमान में भिलाई नगर में अनेक अवैध कब्जे हो चुके। जिन्हें कपितय संरक्षण प्राप्त है। इन अवैध कब्जों के द्वारा उपयोग किए जा रहे विद्युत आपूर्ति का आर्थिक भार इस्पात संयंत्र के उन कार्मिकों पर आता है, जो भिलाई टाउनशिप में रहते हैं तथा नगर सेवा द्वारा समय-समय पर इन अवैध आवास/विद्युत आपूर्ति को हटाने के प्रयासों पर इनके संरक्षकों द्वारा भांति-भांति से बाधा पहुंचाई जाती है। अतः इस विद्युत आपूर्ति सेवा के सीएसपीडीसीएल को सौंपे जाने से भिलाई प्रबंधन को इन अवैध आवासों से बिजली बिल की वसूली के जटिल प्रक्रिया से मुक्ति प्राप्त होगी।
सेफी चेयरमैन संग ओए पदाधिकारी रहे मौजूद
इस्पात भवन सभागार में इस्पात सचिव संजय सिंह से हुई चर्चा के दौरान निदेशक प्रभारी अर्निबान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) केके. सिंह तथा ओए प्रतिनिधि मंडल की ओर से चेयरमेन सेफी नरेन्द्र कुमार बंछोर, ओए महासचिव रविन्दर सिंह, सेफी नामिनी अजय कुमार, कोषाध्यक्ष अंकुर मिश्रा, सचिव रेमी थॉमस उपस्थित थे।