दुलकी खदान में पहले नक्सलियों की थी धमक, अब बीएसपी के लौह अयस्क की चमक

लौह अयस्क का खनन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2017 में पांच हेक्टेयर एरिया पर शुरू हुआ था। वर्तमान में 34 हेक्टेयर खनन एरिया में खनन हो रहा।

अज़मत अली, भिलाई। नक्सलियों की वजह से दुलकी माइंस में कोई कदम नहीं रखना चाहता था। गांव वाले भी साथ नहीं देते थे। जैसे-तैसे हालात बदले और भिलाई स्टील प्लांट ने गांव वालों का विश्वास जीता। गांव वालों को दुलकी लौह अयस्क खदान में काम मिला। आर्थिक संकट दूर होने लगा। फिर क्या, हर कोई इस खदान का मानो मालिक बन कर खुद पूरी जिम्मेदारी उठा रहा है। पहले 500 टन प्रतिदिन लौह अयस्क का खनन होता था, अब 1000 टन प्रतिदिन हो रहा है।

ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी के डिप्लोमा इंजीनियर ने थाईलैंड, फिनलैंड, बांग्लादेश और तुर्की के कलाकारों को दी मात, मिला नाट्य विभूषण का पुरस्कार

नक्सलियों की दहशत हुआ करती थी, अब नहीं है…। इसका सकारात्मक नतीजा यह हुआ कि पहले महज पांच हेक्टेयर भूमि पर बीएसपी खनन कर पाता था। यह दायरा बढ़कर 34 हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। 29 हेक्टेयर के नए एरिया पर भी खनन शुरू होते ही बीएसपी को गुणवत्तायुक्त लौह अयस्क मिलना शुरू हो गया।

इस्पात उत्पादन को लेकर होने वाली समस्या का काफी हद तक समाधान दुलकी खदान ने कर दिया है। भिलाई स्टील प्लांट हेड क्वार्टर में बैठे अधिकारियों के भी रोंगते दुलकी के नाम पर खड़े हो जाते थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाने से पहले लोगों को सोचना पड़ता था। वर्तमान में हालात बहुत बदल चुके हैं।

ये खबर भी पढ़ें:  2022-23 से 2027 तक किस्तों में मिलेगा बकाया एरियर, दिल्ली में कल होगा महामंथन, पढ़ें , एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह का इंटरव्यू

बीएसपी के इस्पात उत्पादन के ग्राफ को आगे बढ़ाने के लिए हर कोई यहां दौरा करने लगा है। साल के शुरुआत में डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता तक दौरा कर चुके हैं।।
दुलकी खदान में सबसे पहले जून 2017 में तत्कालीन सीईओ एम. रवि के कार्यकाल में खनन शुरू हुआ था। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच हेक्टेयर भूमि पर लौह अयस्क का खनन रू किया गया।

ये खबर भी पढ़ें: सेल प्रबंधन 50वीं वर्षगांठ पर गिफ्ट देने का बना रहा प्लान, इंटक ने मांग लिया 50 ग्राम सोना

यहां काफी हद तक शुरुआती दौर में फायदा मिला। लेकिन बाद में गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद नए एरिया पर फोकस किया गया। गांव वालों का विश्वास जीतने का सिलसिला जारी रहा। 29 हेक्टेयर एरिया में खनन शुरू किया गया। अब बीएसपी का खुद का क्रसिंग एंड स्क्रनिंग प्लांट है। इसका 29 मार्च को उद्घाटन किया गया था। अब रोज 1000 टन आयरन ओर भिलाई लाया जा रहा है। यहां आयरन कंटेंट 62 फीसद है। सीलिका पांच प्रतिशत है। एलोमिना लगभग 3 फीसद है।

"AD DESCRIPTION";

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!