चुनावी बयानबाजी अब विचारधारा पर आई, इंटक पर कटाक्ष कर बीएमएस बोला-हम करते हैं कर्मियों की भलाई
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इंटक और बीएमएस के बीच चल रही बयानबाजी अब विचारधारा पर आ पहुंची है। बीएमएस ने पहले इंटक को प्रबंधन का जासूस बताया। इसके जवाब में इंटक ने बीएमएस पर अंग्रेजी की जासूसी शब्द का तीर चला दिया था। एक बार फिर बीएमएस मैदान में कूदा और इंटक पर पलटवार किया है।
महासचिव रवि सिंह का कहना है कि भारतीय मजदूर संघ के बढ़ते जनाधार तथा लोगों में संगठन के प्रति लगाव को देखकर इंटक यूनियन बौखला गई है। शायद यह नहीं पता कि भारतीय मजदूर संघ एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाली गैर राजनीतिक संगठन है, जिसका काम मजदूरों की भलाई के लिए निरंतर प्रयास करना है। बीएमएस पर अंग्रेजों की जासूसी का आरोप लगाना निश्चित ही विकृत मानसिकता का परिचायक है।
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आरोप लगाने वाले को यह नहीं पता कि अभी देश में ना तो अंग्रेजों की सरकार है, न ही प्रबंधन में अंग्रेज बैठे हैं। इसलिए इंटक के उस पदाधिकारी को अपनी जानकारी दुरुस्त कर लेनी चाहिए, क्योंकि जो जैसा होता है उसकी सोच भी उसी प्रकार की होती है। आरोप लगाने से पहले अपने राजनीतिक संगठनों के कृतयों पर भी विचार कर लेना चाहिए।
वेज रिवीजन के मुद्दे पर भारतीय मजदूर संघ पर आरोप लगाने से पहले इन को समझना चाहिए कि जब इंटक ने अन्य दो यूनियनों के साथ एमओयू समझौते पर हस्ताक्षर किए, तब तो बड़े ही जोश में इसे ऐतिहासिक समझौता बता रहे थे। सब-कमेटी में एमओयू के मुद्दे पर चार यूनियनों ने चर्चा कर पे-स्केल भी फाइनल करवा लिया। बीएमएस ने कोई अड़चन पैदा की क्या, उसके बाद भी बीएमएस पर आरोप क्यों?
यूनियन का कहना है कि राउरकेला में जहां तक चुनाव की बात है तो इंटक में अगर दम था तो अकेले चुनाव लड़ कर देख लेती। दो यूनियनों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली यूनियन बीएमएस से मुकाबले की बात करती है। इंटक मुकाबले से बाहर हो चुकी है और निकट भविष्य में उनकी बौखलाहट और बढ़ती जाएगी।