फुल एनजेसीएस को लेकर दुर्गापुर स्टील प्लांट से निकली चिंगारी, दिनभर ईडी पीएंडए रहे बंधक, शुरू होगी भूख हड़ताल
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 39 माह के बकाया एरियर की मांग करने वाले सेल कर्मचारियों का गुस्सा उफान पर आ गया है। प्रबंधन से गुहार लगाने के बाद अब तक कोई फैसला नहीं हो सका। इसी बीच अधिकारियों को पीआरपी की राशि थमा दी गई है। इससे तिलमिलाए दुर्गापुर स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने ईडी पीएंडए को ही बंधक बना लिया। करीब सात घंटे तक सेल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा होता रहा।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के भीतर फुल एनजेसीएस बैठक बुलाकर सभी मुद्दों का निराकरण नहीं किया गया तो कर्मचारी भूख हड़ताल करेंगे। जरूरत पड़ी तो सेल चेयरमैन के दफ्तर का घेराव करने भी कर्मचारी दिल्ली जाएंगे।

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दुर्गापुर स्टील प्लांट परमानेंट इम्प्लाइज यूनियन-एचएमएस से जुड़े कर्मचारियों ने इस्पात भवन स्थित ईडी पीएंडए मणिराजू के दफ्तर के बाहर घेरा डालकर बैठ गए। गुरुवार दोपहर दो बजे से रात नौ बजे तक हंगामा चल रहा।
अधिकारी बार-बार निवेदन करते रहे ताकि जमीन पर बैठे कर्मचारी हट जाएं, लेकिन वहां से कोई हटा नहीं। रात साढ़े आठ बजे प्रबंधन की तरफ से कर्मचारियों के साथ वार्ता शुरू की गई। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष तापस रॉय, परितोष मंडल, अरुप दास, सौरव दास अधिकारी, देवब्रत घोष, कंचन मोहंतो, गौटल चटर्जी आदि मौजूद रहे।
गेट ताला, उत्पादन ठप करने की तैयारी
प्रबंधन ने प्रदर्शनकारियों से पहले कहा-लोकल इश्यू नहीं है, इसलिए वहां विवाद करने से कोई फायदा नहीं है। इस पर प्रदर्शनकारी तपाक से बोले-ठीक है, आप हम लोगों को अनुमति दीजिए कि हम लोग दिल्ली कारपोरेट आफिस में जाकर अपनी बात रखें। सेल चेयरमैन का घेराव करें।
इतना सुनते ही अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के सामने ही सेल कारपोरेट आफिस के अधिकारियों से फोन पर बात की। दुर्गापुर स्टील प्लांट के प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से बोला कि आप लोग कुछ कीजिए। प्रदर्शनकारियों की तरफ से बोल दिया गय है कि एक सप्ताह के भीतर अगर कुछ नहीं हुआ तो गेट पर ताला लगा दिया जाएगा और उत्पादन ठप कर देंगे।
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भेदभाव होता रहा तो गेट बंद कर देंगे
एचएमएस के महासचिव सुकांत रक्षित ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि मैराथन मीटिंग करके एक बार में सभी विषय को हल करने की मांग है। प्रबंधन का दांव है कि लेट लतीफी की जाए। अधिकारियों को पीआरपी मिला और सब मुद्दे हल भी हो गए। हमारे साथ ही काम करने वाले अधिकारियों को लाभ मिला, कर्मचारी मुंह ताक रहे हैं। अधिकारियों के हाथ में फैसला लेने का पॉवर है। सलिए सब बेनिफिट ले रहे हैं। वर्करों को अनाथ छोड़ दिया गया है। भेदभाव रहेगा तो गेट बंद कर दिया जाएगा।