विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने नेशनल हाइवे किया जाम, नेता बोले-पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं है अल्लूरी सीतारामराजू की मूर्ति छूने का नैतिक अधिकार
सूचनाजी न्यूज, विशाखापट्टनम: विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ पिछले 500 दिनों से ज्यादा से चल रहे आंदोलन ने अब उग्र रूप धारण कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की जा रही। हाथों में काला झंडा लिए कर्मचारी सड़क पर उतर गए। रास्ते को जाम कर दिया। वाइजैग के रहवासियों से प्लांट को बचाने के लिए समर्थन मांगा। पीएम मोदी के आंध्र प्रदेश दौरे के खिलाफ आवाज उठाई गई। राष्ट्र की संपत्ति को बेचने का आरोप लगाया गया। सरकार से मांग की गई कि जल्द से जल्द निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए। प्लांट को निजी हाथों में बेचने से शांति नहीं अशांति आएगी।
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वाइजैग स्टील प्लांट के हजारों कर्मचारी जुलूस की शक्ल में नेशनल हाइवे पर पहुंचे, जहां ट्रैफिक जाम कर दिया गया। विशाखा इस्पात संरक्षण संघर्ष समिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विशाखा इस्पात संयंत्र को बेचने पर कोई शांति नहीं होगी और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि विशाखा स्टील को बचाया नहीं जाता। अल्लूरी सीतारामराज की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की यात्रा की पृष्ठभूमि में प्रदर्शन को तेज किया गया।
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मान्यता प्राप्त यूनियन एटक के साथ संयुक्त यूनियन के नेताओं, स्थायी कर्मचारी, ठेका मजूदर, राजनीतिक दलों के नेता, छात्र संगठनों के नेता, विभिन्न सार्वजनिक संघों ने काले बैज पहने और काला झंडा लेकर हाइवे पर डटे रहे। कुर्मन्ना पाम स्क्वायर पर प्रदर्शन किया गया। हजारों इस्पात कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विशाखा स्टील के नारों से गूंज काफी देर तक सुनाई दी। कर्मचारी नारा लगा रहे थे-चलो चिंता न करें, कौन बेचता है, कौन खरीदता है…। कर्मचारियों के विरोध के चलते नेशनल हाईवे पर जाम लग गया। कुर्मन्ना पलेम चौराहे से पुराने गजुवाका चौराहे तक वाहन जहां थे, वहीं रुक गए।

पीएम मोदी की नीतियों के खिलाफ उतारा गुस्सा
इस अवसर पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष डी. आदिनारायण, मंत्री राजशेखर, सीएच नरसिंगराव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के भीमावरम में अल्लूरी सीताराम राजू की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर वे धरना दिए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने वाले नरेंद्र मोदी को अल्लूरी सीतारामराज की मूर्ति को छूने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कई संघर्षों और बलिदानों से स्थापित विशाखा स्टील प्लांट को बचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाई जा रही मजदूर विरोधी नीतियों को रोकेंगे।

संयुक्त यूनियन के ये नेता रहे शामिल
साथ ही इस विरोध प्रदर्शन में संघर्ष समिति के प्रतिनिधि केएसएन राव, जे. रामकृष्ण, गंधम वेंकटराव, नीरू कोंडा रामचंद्र राव, वाईटी दास, वाई. मस्तानप्पा, विला राममोहन कुमार, वरसाला श्रीनिवास राव, बोड्डू पैदी राजू, बी. डेविड, डी. सुरेश बाबू, महालक्ष्मी नायडू, रमेश कुमार, गणपति रेड्डी, जगदीश, डी. संपूर्णम, के. राजाबाबू, गुम्मादी नरेंद्र, जी. बोसु बाबू और अन्य ने भाग लिया।